चीन ने पाकिस्तान में बंद किए 3 प्रोजेक्ट !

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कराची। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हाल ही में हुए आत्मघाती हमले ने देश में काम कर रहे चीनी नागरिकों के आत्मविश्वास को हिला कर रख दिया है। पाकिस्तान के एक सुरक्षा विश्लेषक का कहना है कि रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कुछ लोग सुरक्षा चिंताओं के कारण देश छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तान की सरकार ने अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का बार-बार वादा किया है, लेकिन विश्लेषक ने कहा कि हालिया घटना ने विश्वास को जड़ से हिला दिया है। डॉन में पाकिस्तानी सुरक्षा विश्लेषक मुहम्मद अमीर राणा लिखते हैं, चीनी सोशल मीडिया में इस पर काफी चर्चा हो रही है। लोग पाकिस्तान में रह रहे चीन के नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए सख्त सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं। ‘डॉन’ समाचार पत्र में रविवार को प्रकाशित एक लेख में मुहम्मद आमिर राणा ने लिखा कि चीनी इंजीनियरों के वाहन पर मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में पांच चीनी नागरिकों के मारे जाने के परिणामस्वरूप चीन की कंपनियों ने कम से कम तीन महत्वपूर्ण पनबिजली परियोजनाओं डासू बांध, डायमर-बाशा बांध और तरबेला एक्सटेंशन पर काम रोक दिया है। उल्लेखनीय है कि 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तत्वावधान में जारी परियोजनाओं में हजारों चीनी कर्मी पाकिस्तान में काम कर रहे हैं। राणा ने कहा कि पाकिस्तान का उग्रवादी परिदृश्य बहुत जटिल न हो, लेकिन विविध जरूर है, जहां विचारधाराएं, सामाजिक-राजनीतिक कारक और समूहों की गतिशीलता सभी स्थानीय संदर्भों में काम करती हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आतंकवाद विरोधी जांच में, व्यापक वैचारिक और राजनीतिक पहलुओं की तुलना में स्थानीय संदर्भ और गतिशीलता अधिक महत्वपूर्ण हैं।

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