देहरादून। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर धनराशि लेकर फौज से रिटायर्ड फौजियों से धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
एसएसपी कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान डीआईजी/ एसएसपी जनमेजय खण्डूरी ने बताया कि क्लेमनटाउन थाना क्षेत्र में सन्नी नाम के व्यक्ति द्वारा लोगों को विदेश भेजने के नाम पर उनसे पैसे लेकर ठगी करने तथा लोगों के पैसों का गबन कर खुद विदेश भागने कि कोशिश करने की जानकारी मिली थी। जिस पर पुलिस ने पीड़ित की तलाश की। पीड़ित धीरज कुमार गुरुंग निवासी इंदिरापुरी फॉर्म क्लेमनटाउन ने बताया कि वे फौज से रिटायर हैं और नौकरी की तलाश कर रहे हैं। इस दौरान उनकी मुलकात सन्नी नाहर निवासी ओगल भट्टा, क्लेमनटाउन से हुई, जिसने उसे कनाडा में जीबीएस कंपनी में सिक्योरिटी की नौकरी लगाने की बात कही तथा इसके लिए 10 लाख का खर्च बताया।
डीआईजी/एसएसपी के अनुसार धीरज ने उसकी बातों में आ कर फरवरी 2020 में सन्नी 35 हजार रूपये, पासपोर्ट व अन्य कागजात दे दिये। उसके बाद कई बार संपर्क करने पर जब सन्नी ने वीजा, वीजा अप्रूवल लेटर व एलएमआईए फार्म स्कैन कर दिया तो उनको संदेह हुआ और कागजों की पड़ताल कराये जाने पर फर्जी पाये गये। पीड़ित तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस ने आरोपी सन्नी नाहर को ओगल भट्टा सुभाष नगर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पूर्व में भी इस प्रकार के मामले में जेल जा चुका है।
पूछताछ में सन्नी ने बताया कि वह पूर्व में ऐम्फल कंसल्ट कंपनी में एचआर के पद पर कार्य करता था, जिस दौरान उसे इस बारे में काफी अनुभव हो गया था कि बेरोजगारों को किस तरह से नौकरी दिलवाने के संबंध में डील की जाती है। उसके बाद वर्ष 2016 में उसने अपने जीजा पंकज पांडे के साथ मिलकर कुछ लोगों के साथ विदेश भेजने के नाम पर जालसाजी कर उनसे पैसे लिए थे। जिस पर उसके व उसके जीजा के खिलाफ क्लेमेनटाउन थाने में दो मुकदमे दर्ज हुऐ थे, जिसमें वह दोनों दोनों जेल गए थे।
जेल से रिहा होने के बाद उसके जीजा लखनऊ चले गए और वह फिर लालच में आकर कम समय में अधिक पैसे कमाने के चक्कर में इस प्रकार के कार्य में लग गया। इस बार उसने कनाडा में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में जीबीएस कंपनी में जॉब लगाने के नाम पर सेना से रिटायर लोगों व अन्य लोगों से रुपए ऐंठने का प्लान बनाया। उसने सेना से रिटायर्ड अपने स्वर्गीय पिता के जानकारों से संपर्क किया। जिसमें अधिकांश आर्मी के रिटायर सैनिक थे। उनको सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कनाडा नौकरी दिलवाने के नाम पर लालच दिया। इस लालच में काफी लोग तैयार हो गए और फिर उसने धीरज गुरुंग, अनूप कुमार थापा आदि करीब 30—35 लोगों से संपर्क किया तथा उनका मूल पासपोर्ट और रिज्यूम व दस्तावेज आईडी आदि ले लिए। नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे 10 लाख की डिमांड की। सभी से करीब 35—35 हजार रूपये ले लिए थे।