नई दिल्ली। उत्तराखडं के ऋषिकेश में अंकिता भंडारी की हत्या के मामले के बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी का बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ अंकिता के परिजनों ने उत्तराखंड सरकार से दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है। लेकिन सरकार की कार्रवाई पर सवाल भी उठाए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 19 साल की अंकिता भंडारी के परिवार ने बेटी का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है। उन्होंने पहले पोस्टमॉर्टम को सौंपने की मांग की है। अंकिता के पिता ने उत्तराखंड सरकार की रिसॉर्ट पर हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सवाल उठा हैं और कहा कि रिसॉर्ट को क्यों तोड़ा गया है, क्या वहां पर सबूत नहीं हैं।
एसआईटी की टीम लड़की की व्हॉट्सएप चैट की जांच करेगी। अंकिता ने अपने एक करीबी दोस्त के साथ अपनी बातों को शेयर किया था। कि रिसॉर्ट में मेहमानों को स्पेशल सेवा देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अंकिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि हत्या से पहले उसके शरीर पर कुछ चोंटे थी। जानकारी के लिए बता दें कि अंकिता भंडारी की कथित हत्या के बाद भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। जिसके बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कठोर सजा मिलनी ही चाहिए। एसआईटी जांच के प्रभारी डीआईजी आरपी देवी ने एएनआई से कहा कि हमने रिसॉर्ट में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को पुलिस स्टेशन बुलाया है। हम हर एक का बयान दर्ज करेंगे। फिलहाल, अभी व्हाट्सएप चैट की जांच चल रही है, क्योंकि अंकिता ने अपने एक करीबी दोस्त से मेहमानों को स्पेशल सेवा देने के दबाव के बारे में बताया था