देहरादून। आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष मोर्चा उत्तराखंड के बैनर तले आज आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों/मिनी/ सहायिकाओं ने विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया।
आज परेड ग्राउंड से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सचिवालय कूच किया। जहां उन्हें सचिवालय से पूर्व ही बैरिकेडिंग लगा कर रोक दिया गया। जिसके बाउद वे वहीं धरना दे कर बैठ गई। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा मांग की जा रही है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री/ मिनी व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए तथा कार्यकत्री को तृतीय एवं सहायिका को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। राज्य कर्मचारी घोषित ना होने तक कार्यकत्री को 21 हजार एवं सहायिका को 18 हजार प्रतिमाह मानदेय भुगतान किया जाए। कार्यकत्रियों को सुपरवाइजर्स तथा सहायिकाओं को कार्यकत्री के पदों पर सौ प्रतिशत प्रोन्नति दी जाए तथा प्रोन्नति में आयु सीमा की बाध्यता समाप्त की जाए। आंगनबाड़ी सहायिकाओं की पुत्रियों को नंदा देवी—गौरा देवी कन्या विघा धन योजना का लाभ दिया जाए।
मांग की जा रही है कि वर्ष 2016, 2017 तथा 2019 में दिए गए धरना कार्यक्रमों के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के मानदेय में की गई कटौती का भुगतान किया जाए। पोषण टेकर ऐप से आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं लाभार्थियों का डाटा लीक हो रहा है। इस ऐप को सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया जाए। केंद्रों में सैनिटरी नैपकिन का वितरण निशुल्क किया जाए तथा कार्यकत्रियों को सरकारी बैठकों प्रशिक्षण में भाग लेने पर आने जाने का किराया दिया जाए।
मांग की जा रही है मानदेय भुगतान प्रतिमा 7 तारीख तक अनिवार्य रूप से किया जाए तथा पासबुक में मानदेय के साथ वहां भी अंकित किया जाए। बीएलओ की धनराशि हजार से बढ़ाकर 12 हजार की जाए। बीमा फंड की सुविधा के अतिरिक्त सेवानिवृत्ति पर कम से कम 20 हजार एकमुश्त धनराशि का भुगतान किया जाए साथ ही पेंशन का लाभ भी दिया जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए फ्री फायर प्राइमरी लागू किया जाए। प्रदर्शन करने वालों में सुषमा पंचपुरी, उमारानी, दीपा पांडे, विमला गैरोला तथा उमा देवी सहित आदि थी।