नई दिल्ली। फतेहाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने टोहाना के बहुचर्चित जलेबी बाबा सेक्स स्कैंडल मामले में दोषी करार दिए गए बिल्लूराम उर्फ अमरपुरी के खिलाफ सजा का ऐलान किया है। कोर्ट ने बाबा को 14 साल कैद की सजा, 35 हजार जुर्माना, 376सी में 7-7 साल, पॉक्सो एक्ट में 14 साल और 67 आईटी एक्ट में 5 साल की सजा सुनाई है। सभी सजा एक साथ चलेंगी. वहीं, आर्म्स एक्ट में बाबा को कोर्ट ने बरी कर दिया है। जलेबी बाबा पर महिलाओं को चाय में नशीली गोलियां खिलाकर रेप करने के आरोप लगे थे। जिसमें बाबा उन्हें ब्लैकमेल भी करता था। बता दें, बाबा के महिलाओं के साथ 120 से अधिक अश्लील वीडियो सामने आये थे।मामले में 6 पीड़िताओं ने कोर्ट में बतौर विक्टिम पेश होकर बाबा की करतूतों का पर्दाफाश किया। बाद में 3 पीड़िताओं के बयानों के आधार पर कोर्ट का फैसला आया। बाबा बालकनाथ डेरे के बाबा बिल्लूराम उर्फ अमरपुरी उर्फ जलेबी बाबा के खिलाफ टोहाना शहर पुलिस ने तत्कालीन थाना प्रभारी प्रदीप कुमार की शिकायत पर 19 जुलाई 2018 को आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। दरअसल, एक मुखबिर ने थाना प्रभारी प्रदीप कुमार मोबाइल पर जलेबी बाबा की अश्लील वीडियो दिखाई थी। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसके कब्जे से 120 वीडियो मिले, जिसमें वह महिलाओं से शारीरिक संबंध बनाते हुए दिखाई दिया। पुलिस पूछताछ में जलेबी बाबा ने कहा कि उसके पास आने वाली महिलाओं को वह बहला फुसला कर नशे को गोली खिलाकर उनके साथ घिनौना काम करता था और अपने मोबाइल से वीडियो बनाता। बाद में उनको ब्लैकमेल करता था। उनसे पैसे ऐंठता। बदनामी के डर से महिलाएं किसी को कुछ नहीं बता पाती थी। 13 अक्टूबर 2017 को एक महिला की शिकायत पर उसके खिलाफ शहर पुलिस टोहाना में आईपीसी की धारा 328, 376, 506 दर्ज हुआ था। इसके बाद बाद में 2018 में तत्कालीन एसएचओ की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था। मुकदमा दर्ज करने के बाद घटनास्थल से चिमटा, राख, भभूति, नशे की गोलियां, वीसीआर आदि बरामद की थी। करीब 20 साल पहले पंजाब के जिला मानसा निवासी अमरवीर टोहाना में आया था। यहां पर आकर इसने टोहाना की नेहरू मार्केट में जलेबी की रेहड़ी लगाई। यह कारोबार 10 साल तक अच्छा चला। इसी दौरान उसकी पत्नी की मौत हो गई। इसी दौरान पंजाब से एक तांत्रिक आया। उसने अमरवीर को तांत्रिक विद्या के बारे में जानकारी दी। इसके बाद दो साल तक अमरवीर टोहाना से गायब रहा। बाद में वापस टोहाना पहुंचा और वार्ड नंबर 19 में उसने मकान लिया। वहां बाबा बालकनाथ के नाम से मंदिर बनाया और उसी के साथ ही अपना मकान बना लिया और बच्चों के साथ यहां रहना शुरू कर दिया। अमरवीर ने अपना नाम बदलकर अमरपुरी रख लिया। लोगों के दुख और कष्ट हरने के लिए बाहर बोर्ड लगा दिया। तांत्रिक विद्या का जादू चला और लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। जिसके बाद बाबा के पास माया भी आनी शुरू हो गई। इस दौरान उसने लड़कियों समेत 6 बच्चों की शादी पंजाब में कर दी। जिसके बाद सभी बच्चे पंजाब में ही रहने लग गए।