गैरसैंण में सत्र न कराने पर गरमा—गरमी

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विपक्ष के तीखे सवालों पर मंत्री असहज
दो साल से नहीं मिला नंदा गौरा देवी योजना का लाभ

देहरादून। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के तीखे तेवरों के सामने सरकार के मंत्री असहज दिखे वही गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के बावजूद भी सत्र का आयोजन न कराए जाने को लेकर पक्ष—विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई है। विधानसभा के पहले दिन सदन में पेश किए गए महिला आरक्षण और धर्मांतरण विधेयक को लेकर आज सदन में चर्चा कराई जानी है तथा दोनों ही विधेयकों को पास कराया जाना है। इससे पूर्व आज प्रश्नकाल के दौरान परिवहन और बाल एवं महिला कल्याण विभाग से जुड़े सवालों को लिया गया। राज्य की सड़कों की खस्ताहाली और टोल व्यवस्था से जुड़े कई सवाल सरकार से पूछे गए लेकिन सदन में परिवहन मंत्री चंदन रामदास उपस्थित नहीं थे। जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार के मंत्रियों पर सवाल उठाए उनकी गैरमौजूदगी के कारण उनके विभागों से जुड़े सवालों का जवाब संसदीय कार्य मंत्री द्वारा दिया गया जिससे विपक्ष संतुष्ट नहीं दिखा।
बाल एवं महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्य को विपक्ष द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देना उस समय भारी पड़ गया जब पूर्व के दो सालों में राज्य की 30 हजार बालिकाओं को नंदा गौरा देवी योजना के तहत मिलने वाले लाभ को न मिलने के बारे में पूछा गया। इस योजना के तहत इन बालिकाओं को 47 करोड़ की सहायता दी जानी थी, समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जाने वाली इस योजना का लाभ बालिकाओं तक क्यों नहीं पहुंचा इसका जवाब काबीना मंत्री नहीं दे सकी। उधर कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश द्वारा पूछा गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास बहुत सारे विभाग हैं। उनके विभागों से जुड़े सवालों का जवाब वह कब देंगे इसका दिन व समय तय किया जाए।
नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। तिलक राज बेहड़ द्वारा तीन महीने पहले अपनी शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन उस पर आज तक कार्यवाही नहीं की गई न जांच हुई। उन्होंने आदेश चौहान का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार सिर्फ समस्याओं को टालने में लगी हुई है। विधानसभा में प्रीतम सिंह ने गैरसैंण में सत्र न कराए जाने को सदन की अवमानना बताया तो संसदीय कार्य मंत्री ने अगला सत्र गैरसैंण में कराने का भरोसा दिया।

विधायक निधि को जीएसटी मुक्त करें
देहरादून। पक्ष तथा विपक्ष के विधायकों द्वारा उन्हें विकास कार्यों के लिए मिलने वाली विधायक निधि को जीएसटी मुक्त करने की मांग की गई है उनका कहना है कि 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के कारण 65 लाख रूपये कम मिलते हैं। सरकार जीएसटी को हटाए या फिर विधायक निधि को बढ़ाएं। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा।

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