कांग्रेसी रूठने मनाने में जुटे हैं
भाजपा का ध्यान वोटों पर केंद्रित
देहरादून। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेसी नेताओ के बीच आपसी खींचतान और अधिक तेज हो चुकी है। चुनावी नतीजों को लेकर आरोप—प्रत्यारोप के दौर के बीच नेता और उपनेता विपक्ष तथा प्रदेश अध्यक्ष के चयन के बाद यह झंझट अपने चरम पर पहुंच चुका है जिसे लेकर भाजपाई भी खूब चुटकियंा ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने 2024 के आम चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। भले ही अभी चुनाव में लंबा समय शेष हो लेकिन संगठन और सरकार दोनों मोर्चों पर भाजपा ने अभी से मोर्चाबंदी करनी शुरू कर दी है।
कांग्रेस के जो 19 विधायक जीतकर इस बार विधानसभा पहुंचे थे कांग्रेस उन्हें अपने पूरे कार्यकाल संभाल कर रख सकेगी इसकी संभावनाएं आज की स्थिति को देखकर कम ही नजर आ रहा है। अगर कांग्रेसी नेताओं का यह झगड़ा फिर तूल पकड़ता है तो प्रदेश कांग्रेस का भविष्य दांव पर लग सकता है लेकिन कांग्रेसी नेताओं को अभी यह समझ नहीं आ रहा है और वह निजी हितों के लिए लड़ने में मस्त हैं। उधर भाजपा जल्द से जल्द जरूरी कामों को निपटाने और संगठन को मजबूत करने के साथ—साथ केंद्रीय तथा राज्य की सभी योजनाओं को जल्द से जमीन पर उतारने और उन्हें 2024 से पूर्व पूरा करने के काम में जुटी हुई है।
24 अप्रैल को भाजपा कोर ग्रुप की बैठक लेने केंद्रीय नेता बीएल संतोष दून आ रहे हैं। सीएम को चुनाव लड़ा कर जल्द विधानसभा सदस्य बनाने की कवायद भी भाजपा के अंदर तेजी से चल रही है। केंद्रीय योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुचाने के निर्देश केंद्र सरकार व मोदी द्वारा भाजपा नेताओं को दिए जा चुके हैं। वहीं कांग्रेसी नेता फिर पार्टी के विभाजन पर आमादा है व तैयारियों में जुटे हुए हैं।