नई दिल्ली। भारत के सबसे ईमानदार आईएएस अधिकारी अशोक खेमका आज 30 अप्रैल 2025 (बुधवार) को रिटायर हो रहे हैं। अशोक खेमका भारतीय प्रशासनिक सेवा के वो अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी वर्किंग स्टाइल से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा तक के पसीने ला दिए थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान के लिए जाने जाने वाले खेमका ने हरियाणा के सात मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल के दौरान काम किया।
साल 2012 में जब आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए ज़मीन सौदे की जांच की और म्यूटेशन (खाते के नामांतरण) को रद्द किया था, उस समय वह हरियाणा सरकार में राजस्व विभाग के महानिरीक्षक के पद पर कार्यरत थे। इसके बाद उन्हें जल्द ही इस पद से हटा दिया गया था, जो उनके लगातार तबादलों की श्रृंखला का एक और उदाहरण बना। 33 साल में 57 बार तबादले हुए हैं। अपने तीन दशक लंबे करियर में खेमका का औसतन हर छह महीने में एक बार तबादला हुआ है। उनकी कई नियुक्तियां ऐसे विभागों में हुई हैं, जिन्हें लो-प्रोफाइल या महत्वहीन माना जाता है, जिनमें राज्य अभिलेखागार विभाग में चार कार्यकाल शामिल हैं, जिनमें से तीन हरियाणा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के अधीन थे। मनोहर लाल खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान उसी विभाग से अचानक हटाए जाने के लगभग 10 साल बाद, दिसंबर 2024 में वे परिवहन विभाग में वापस आ गए। उस समय, उन्होंने शंटेड आउट होने से पहले केवल चार महीने ही सेवा की थी।
2023 में खेमका ने हरियाणा के तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर सतर्कता विभाग में एक पद पर काम करके “भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने” की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए उन्होंने अपने सेवा करियर का बलिदान दिया है।