April 27, 2024नई दिल्ली। कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब से निर्दलीय के रूप में लोकसभा चुनाव लडेगा। इस बारे में उनकी मां बलविंदर कौर ने शुक्रवार को जानकारी है। अमृतपाल पिछले साल अप्रैल से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत असम की जेल में बंद हैं। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल को पिछले साल 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया था। वह अपने नौ सहयोगियों के साथ वर्तमान में डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने कहा कि उनके बेटे ने सिख समुदाय के सामने आने वाले मुद्दों के लिए लड़ने के लिए चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। अमृतपाल की मां, अमृतपाल और अन्य नौ एनएसए बंदियों को पंजाब स्थानांतरित करने की मांग को लेकर अमृतसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं। उन्होंने कहा, चुनाव लड़ने का निर्णय संगत और निर्वाचन क्षेत्र की पंचायतों की मांग पर लिया गया है। सरकार ने सिखों के खिलाफ अत्याचार करने से नहीं रोका है और चुनाव लड़ने का उद्देश्य सिखों के मुद्दों को एक बड़े मंच पर ले जाना, बंदी सिंहों (सिख कैदियों) को जेलों से रिहा कराना, उनके अत्याचारों का मुकाबला करना है। सरकार समुदाय के खिलाफ है और धर्म प्रचार (धार्मिक प्रचार) के अभियान को तेज कर रही है।
April 27, 2024अजमेर। ख्वाजा नगरी के नाम से मशहूर राजस्थान के अजमेर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मौलाना की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। ये हत्या कहीं और नहीं बल्कि मस्जिद में ही की गई थी। पूरा मामला रामगंज थाना क्षेत्र के मोहम्मदी मदीना मस्जिद का है। तीन बदमाशों ने मौलाना को लाठी-डंडों से पीटा। जब ये सब हुआ तो वहां बच्चे भी थे लेकिन बदमाशों ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने कुछ कहा तो वे उन्हें मार देंगे। मौलाना अपने परिवार के साथ मस्जिद में सो रहे थे। घटना के बाद स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है। उनका कहना है कि अभी तक मौत का कारण सामने नहीं आया है। हालांकि मस्जिद के पीछे की बाड़ से 2 लाठियां बरामद की गई हैं। फिलहाल डॉग स्क्वायड मौके से साक्ष्य जुटा रहा है। मौलाना गहरी नींद में थे इसी दौरान ये पूरी घटना घटी। जब मौलाना पर बदमाशों ने हमला किया तो मौलाना चिल्लाए जरूर लेकिन खुद को बदमाशों से नहीं बचा सके। आपको बता दें कि फिलहाल मस्जिद में ज्यादातर बच्चे ईद की वजह से घर गए हुए थे। उन्हीं मौलाना को 6 महीने पहले मुख्य मौलाना की जिम्मेदारी दी गई थी। मौलाना उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले हैं लेकिन 7 साल से यहां पढ़ा रहे हैं।
April 27, 2024कोच्ची। केरल के कासरगोड में शुक्रवार (26 अप्रैल) को फर्जी वोटिंग की खबर दिखने वाले चार पत्रकारों पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के संदिग्ध कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। इस दौरान पत्रकारों को बुरी तरह पीटा गया, यहां तक कि उनके कपड़े भी फाड़ दिए गए। मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं ने पीटने के बाद पत्रकारों को वहाँ से भगा दिया। रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला कासरगोड के चेंगला स्थित सरकारी हाई स्कूल के बूथ का है। यहाँ पर बोगस वोटिंग की खबर मिलते ही कैराली न्यूज के रिपोर्टर शिजू कन्नन, चैनल के कैमरामैन शैजू पिलाथारा, मातृभूमि न्यूज के रिपोर्टर सारंग और मातृभूमि अखबार के रिपोर्टर प्रदीप जीएन मौके पर पहुँचे और फर्जी मतदान की खबर की रिपोर्टिंग करने का प्रयास किया। रिपोर्ट के अनुसार, इसी दौरान इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग कार्यकर्ताओं ने उन्हें पीटा।दरअसल, मतदान वाले दिन दोपहर में मार्क्सवादी पार्टी (CPIM) के एजेंटों ने स्कूल में बूथ संख्या 113, 114 और 115 में बड़े पैमाने पर फर्जी वोटिंग की सूचना अपने पार्टी के बड़े नेताओं को दी थी। उन्होंने यह भी बताया कि मुस्लिम लीग के कार्यकर्ता उन्हें पोलिंग बूथ पर बैठने भी नहीं दे रहे हैं। इसके बाद CPIM चुनाव प्रबंधक कासरगोड विधानसभा क्षेत्र में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के गढ़ चेंगला के स्कूल पहुँचे। LDF चुनाव समिति के संयोजक केपी सतीश चंद्रम ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुस्लिम लीग के कार्यकर्ता उन लोगों के वोट डाल रहे थे, जो केरल में थे ही नहीं।CPIM नेता सतीश चन्द्रम ने आगे कहा कि, ‘हमने जिला चुनाव अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई है।’ सतीश चंद्रम ने इसकी जानकारी मीडिया संस्थानों को भी दे दी थी। इसके साथ ही उदमा के विधायक और सीपीएम के जिला सचिव को भी इसके बारे में सूचित किया था। जैसे ही मीडिया को सूचना मिली, तो कुछ रिपोर्टर फर्जी मतदान की खबर को कवर करने मौके पर पहुँच गए, लेकिन मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं ने उन्हें रिपोर्टिंग नहीं करने दी और वहाँ से फ़ौरन भाग जाने के लिए धमकाया। उसी बीच उदमा विधायक और कार्यवाहक CPIM जिला सचिव कुन्हाम्बु मौके पर पहुँचे। रिपोर्ट के अनुसार, ‘मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं ने विधायक के साथ मारपीट करने की कोशिश की, लेकिन कासरगोड विधायक एनए नेल्लिकुन्नु ने हस्तक्षेप कर मामले को सुलझाया।’ वहीं, हमले के शिकार पत्रकारों ने इसकी शिकायत पुलिस और जिला कलेक्टर से की है। कलेक्टर इनबासेकर ने एक बयान में कहा कि उन्होंने बूथ संख्या 115 पर बोगस वोटिंग पर कार्रवाई की है। हालाँकि, उन्होंने की गई कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी। बता दें कि केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) गठबंधन में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है। इस गठबंधन में और भी कई छोटे-छोटे दल शामिल हैं। वहीं, दूसरी तरफ CPM की अगुवाई वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) गठबंधन है। इसमें CPIM और CPIM सहित छोटी पार्टियां शामिल हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री विजयन पिनराई की अगुवाई में केरल में LDF की सरकार है। बता दें कि, इसी मुस्लिम लीग को राहुल गांधी ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) पार्टी कहा था, वहीं, साम्प्रदायिकता के लिए भाजपा की आलोचना की थी. जबकि इसी मुस्लिम लीग की वजह से भारत का बंटवारा हुआ था, उस समय इसका नाम ऑल इंडिया मुस्लिम लीग (AIML) हुआ करता था, बाद में इसका एक धड़ा पाकिस्तान चला गया और दूसरे ने यहाँ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) बना ली।
April 27, 2024देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को परेड ग्राउंड के बहुउद्देशीय हॉल में रोल बाल फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित 16वीं सब जूनियर (अंडर—14) बॉयज एंड गर्ल्स नेशनल रोल बाल चैंपियनशिप में प्रतिभाग करते हुये खिलाड़ियों का उत्साहवर्द्धन किया।मुख्यमंत्री ने इस मौके पर उत्तराखंड तथा हिमाचल के बीच आयोजित मैच का आनंद लिया तथा खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने इससे पहले सभी खिलाड़ियों का परिचय लिया तथा खेल के क्षेत्र में देश व प्रदेश का नाम रोशन करने का आह्वान किया।उल्लेखनीय है कि 25 से 28 अप्रैल,2024 तक आयोजित राष्ट्रीय स्तर की इस सब जूनियर (अंडर—14) बॉयज एंड गर्ल्स नेशनल रोल बाल चैंपियनशिप में देशभर की 28 टीमें भाग ले रही हैं।इस अवसर पर नेशनल रोल बाल चैंपियनशिप के प्रेजिडेंट पंकज भारद्वाज, सेकेट्री चिरतानजी नेगी, अमित भाटिया, आशीष नेगी, डॉ. वरुण प्रताप सिंह, श्री प्रियांक शर्मा, प्रमोद कुमार सहित बड़ी संख्या में खेल प्रेमी मौजूद रहे।
April 27, 2024रुद्रपुर। लोकसभा चुनाव का अभी दूसरा चरण ही समाप्त हुआ है और अभी पांच चरण बाकी हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव संपन्न होने से पहले ही सरकार ने उत्तराखंड में लोगों को बिजली के बिलों में बढ़ोत्तरी कर बहुत जोर से करंट का झटका दिया है।यह बात आज भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक सौरव राज बेहड ने मीडिया को जारी एक बयान के माध्यम से कही। उन्होने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के विकास और गरीबों को उत्थान के लिए निरंतर बयान बाजी करते रहते हैं, लेकिन जिस प्रकार से इस राज्य के लोगों को सरकार ने बिजली का झटका दिया है वह अब राज्य की जनता को हजम नहीं हो रहा है। बेहड ने कहा कि राज्य सरकार ने आम उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में 7 प्रतिशत तक इजाफा कर दिया है, जबकि चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री धामी और प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा था कि राज्य सरकार को शून्य दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी, ऐसे में लोकसभा चुनाव के भीतर ही जिस प्रकार से बिजली की दरों में इजाफा किया गया है वह लोगों की भावनाओं पर कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सदैव जनता के हितों के साथ खिलवाड़ किया है जिसे अब जनता भली—भांति समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश के मेहनतकश लोगों का राज्य माना जाता है, जहां कठिन परिस्थितियों में लोग अपने जीवन का यापन करते हैं ऐसे में बिजली के दरों में इजाफा करना उनके साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार दो चरण के मतदान के बाद ही अपनी हार को देखकर बौखला चुकी है। अभी इस देश में पांच चरणों का चुनाव होना है ऐसे में भाजपा हर राज्य पर कोई न कोई कुठाराघात करेगी, जो अब उत्तराखंड के साथ नजर आ रहा है।
April 27, 2024देश में चल रहे 18वीं लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। 190 सीटों पर हुए इस मतदान को लेकर तमाम राजनीतिक समीक्षक अपनी—अपनी सोच और अनुभव के आधार पर चुनावी हवा का आकलन करने में जुटे हैं। किसी के द्वारा मतदान प्रतिशत के कम या ज्यादा होने के मायने तलाशे जा रहे है तो कोई 2014 व 2019 के मतदान प्रतिशत और पार्टियों के वोट शेयर को लेकर संभावित परिणामों का अंदाजा लगा रहा है तो कोई अब भाजपा और कांग्रेस की रैलियाें और जनसभाओं में आने वाली भीड़ की गिनती करने में लगा हुआ है। भले ही चुनाव परिणाम से पूर्व किए जाने वाले किसी भी सर्वे और आकलन का कोई औचित्य न सही लेकिन यह सब अब तक के सभी चुनावों में होता रहा है और आगे भी होता रहेगा। 553 सदस्यीय लोकसभा के लिए अब तक 190 सीटों पर चुनाव हो चुका है जो एक तिहाई से अधिक है। चुनावी हवा को समझने का प्रयास सभी राजनीतिक दल भी अपने—अपने इंटरनल स्रोतों के जरिए कर रहे हैं। एनडीए और इंडिया गठबंधन के नेताओं को इस हवा का बखूबी आभास हो चुका है। भले ही अन्य कोई भी इस हवा का रुख भांप पाने में नाकाम रहा हो। खास बात यह है कि इन दोनों ही गठबंधनों के नेताओं के हाव—भाव और भाषा बोली तथा मुद्दों पर गौर किया जाए तो बड़ी आसानी से यह समझा जा सकता है कि चुनाव का रुख किधर जा रहा है। भाजपा के स्टार प्रचारक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव की शुरुआत अबकी बार 400 पार के नारे और उद्घोष के साथ की थी और दूसरे चरण के मतदान से पहले ही उसकी अनुगूंज पूरी तरह से गुम हो चुकी है। अब कोई भी भाजपा नेता जनता से जनसभाओं में न जनता से आश्वासन लेते दिख रहा है न ही यह नारा लगवाते दिख रहा है। यही नहीं इन भाजपा नेताओं द्वारा अब जनसभाओं में अपने कार्यकाल की 10 साल की उपलब्धियाें का भी जिक्र सिर्फ नाम मात्र के लिए ही किया जा रहा है। खुद प्रधानमंत्री मोदी अब अपनी जनसभाओं में कांग्रेस के घोषणा पत्र पर ही बात करते हुए हिंदू मुस्लिम और सोना चांदी तथा मंगलसूत्र पर ही भाषण देते दिख रहे हैं। खास बात यह है कि एक समुदाय विशेष की बात करते हुए वह उन्हें घुसपैठिये तक कहने से नहीं चूक रहे है। यही नहीं वह किसी महंगाई बेरोजगारी और गरीबी के मुद्दों पर बात करने की बजाय कांग्रेस सरकारों ने कब क्या किया था और पूर्व में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तथा मनमोहन सिंह ने कब क्या किया या कहा जनता को यह समझाने में लगे हुए हैं। आम जनता की समस्याओं से इन सवालों का क्या सरोकार है यह भी अब भाजपा नेताओं को समझ नहीं आ पा रहा है। खास बात यह है कि जनता के बीच भाजपा नेताओं द्वारा झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाने के प्रयास में भाजपा नेता खुद इतने एक्सपोज हो चुके हैं कि उनके भाषणों को गंभीरता से सुनना तो दूर उनका लोग मजाक बना रहे हैं। देश ही नहीं विदेशी मीडिया तक में वह चर्चा का विषय बन चुके हैं। इस चुनाव में जो सबसे अहम बात है वह है मोदी के मैजिक का खात्मा। मोदी है तो मुमकिन है वाली भाजपा के लिए अब मोदी जीत की गारंटी नहीं रहे हैं। और तो और आम लोगों में अब मोदी से बेहतर योगी हो चुके हैं आने वाले दौर के चरणों में भाजपा अगर इस हवा का रुख नहीं समझ सकी या रुख नहीं बदल सकी तो उसे इस चुनाव में जबरदस्त नुकसान हो सकता है। इसका कितना लाभ या नुकसान किसे मिलता है यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे