April 25, 2024डीएम ने जारी किए आदेश हरिद्वार। पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह की मौत मामले में अब डीएम हरिद्वार द्वारा मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश जारी कर दिये गये है।नानकमत्ता गुरुद्वारे के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में शूटर और मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह उर्फ बिटृू की पिछले दिनों भगवानपुर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई थी। अब इस मामले की मजिस्ट्रीयल जांच की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा आदेश जारी करते हुए एसडीएम भगवानपुर जितेंद्र कुमार को जांच अधिकारी नामित किया है। जबकि प्रारंभिक जांच के लिए पहले ही रुड़की सीओ को जांच अधिकारी बनाया गया था।बता दें कि बीते 28 मार्च की सुबह बाइक सवार शूटरों ने नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने षड्यंत्र में शामिल नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि शूटर और मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह उर्फ बिटृू निवासी ग्राम सिहौरा, थाना बिलासपुर जिला रामपुर यूपी को बाइक पर जाते हुए भगवानपुर क्षेत्र के इमली रोड छंगामजरी रोड पर पुलिस व एसटीएएफ की टीम ने पीछा कर रोकने की कोशिश की थी। तब उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। दूसरा बदमाश सर्वजीत सिंह अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया था। जवाबी फायरिंग में उसे कई गोलियां लगी थी, अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मामले में सीओ एसटीएफ ऋषि बल्लब चमोला ने थाना भगवानपुर में मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी प्रारंभिक जांच सीओ रुड़की नरेंद्र पंत को सौंपी गई। एसएसपी की ओर से प्रकरण की मजिस्ट्रीयल जांच कराने की अपेक्षा की गई। जिस पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने एसडीएम जितेंद्र कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया है। एसडीएम ने बताया कि जांच में किसी व्यक्ति को कोई अभिलेख या मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत करना है तो विकास खंड कार्यालय भगवानपुर में आकर प्रस्तुत कर सकता है।
April 25, 2024यह राहुल गांधी कि बीते एक साल में की गई दो उन पदयात्राओं का कमाल है या फिर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए लाये गए उस घोषणा पत्र का जिसे न्याय पत्र का नाम दिया गया है समझ पाना मुश्किल है। लेकिन एक बात जरूर समझ में आ रही है कि इस न्याय पत्र में ऐसा कुछ न कुछ विशेष जरूर है जिसने कांग्रेस को चुनावी मुख्य धारा से जोड़ दिया है। यही कारण है कि आज इस देश में सबसे अधिक चर्चाओं और विमर्श के केंद्र में अगर कुछ है तो वह कांग्रेस का न्याय पत्र (घोषणा पत्र) ही है। हो सकता था कि अब तक के चुनावों की तरह इस न्याय पत्र को भी चुनावी वायदों का पुलिंदा मानकर रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया होता लेकिन इस न्याय पत्र की खास बात यह है कि अब न सिर्फ आम जनता इस पर भरोसा दिखाने लगी है बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के तमाम स्टार प्रचारकों के भाषणों और जनसभाओं में कांग्रेस का यह न्याय पत्र सबसे अहम मुद्दा बनकर छा गया है। भाजपा के नेताओं द्वारा इसे भले ही मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र बताकर फिर महिलाओं को उनके गहनों व मंगलसूत्र बेचकर मुसलमानों को दिए जाने का भय दिखाया जा रहा हो या जातीय जनगणना के नाम पर सामाजिक विभाजन करने की कोशिश बताया जा रहा हो लेकिन भाजपा के नेताओं द्वारा इस न्याय पत्र का इतना प्रचार कर दिया गया कि यह चुनावी घोषणा पत्र अब राहुल गांधी के जीवन का मिशन और कांग्रेस के लिए उसका सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है। हालात यह पैदा हो चुके हैं कि इन्हें पूरा करने के लिए धन कहां से आएगा? या यह कह कर इसे खारिज करने वाले नेता कि कांग्रेस को पता है कि उसे सत्ता में आना नहीं है इसलिए कुछ भी वायदे कर दो अब सभी इस चुनावी घोषणा पत्र से इतनी डर गए हैं कि चुनाव आयोग से इस पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं और सड़कों पर इसे लेकर प्रदर्शन तक शुरू कर दिए गए हैं। खास बात यह है कि राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य तमाम नेता भाजपा नेताओं द्वारा इस न्याय पत्र पर उठाए जाने वाली आपत्ति पर पलटवार से उन्हें किसी भी मुद्दे पर ठहरने नहीं दे रहे हैं। भाजपा के नेता इस न्याय पत्र के जाल में इस कदर उलझ चुके हैं कि अब वह चुनावी भाषणों में अपना 10 साल की उपलब्धियों से लेकर अपने घोषणा पत्र के बारे में कुछ भी बताते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं और हर रोज उन्हें चुनावी भाषणों के नए—नए मुद्दों पर बात करना पड़ रहा है। सवाल यह है कि इस घोषणा पत्र में आखिर ऐसा क्या कुछ है जो इसके इर्द—गिर्द समूचा चुनाव चक्कर काटने लगा है। पांच न्याय और 25 गारंटी वाला यह न्याय पत्र इस चुनाव के दौर तक आते—आते आखिर इतना प्रभावी कैसे बन गया यह बात कहने की नहीं समझने की है। राहुल गांधी कहते हैं कि यह उन्होंने आम जनता के बीच जाकर जो देखा और समझा वही सब इस चुनावी घोषणा पत्र में है। इसमें सामाजिक समानता की रूपरेखा है और इसे पूरा करने की गारंटी, यह चुनावी घोषणाएं नहीं है यह उनके जीवन का मिशन बन चुका है। वह अब जाति धर्म की कोई बात नहीं कर रहे हैं कैसा पूरा करेंगे वायदे इस सवाल का जवाब भी दे रहे हैं। वही वह इस चुनावी हार जीत से ऊपर उठकर राष्ट्र और समाज के भावी भविष्य व जनकल्याण के नजरिए से देखते हैं। यह न्याय पत्र चुनावी सफलता में कितना कारगर साबित होगा समय ही बताएगा लेकिन इस न्याय पत्र ने तहलका जरूर मचा दिया है।
April 25, 2024जैसलमेर। भारतीय वायु सेना का एक विमान राजस्थान के जैसलमेर के पास उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गनीमत ये रही कि इस हादसे में जान या माल का कोई भी नुकसान नहीं हुआ है। जानकारी के मुताबिक एयरक्राफ्ट अपनी नियमित उड़ान पर था। इसी दौरान तकनीकी खराबी की वजह से यह दुर्घटना का शिकार हो गया। हालांकि हादसे की पुख्ता वजह अभी साफ नहीं है और इसका कारण पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन किया गया है। भारतीय वायुसेना का विमान जैसलमेर के पिछला क्षेत्र में दुर्घटना का शिकार हुआ है। बताया जा रहा है कि यह एयरक्राफ्ट बॉर्डर इलाकों की निगरानी कर रहा था। इसे रिमोट से चलाया जा रहा था। तभी यह क्रैश होकर जमीन पर गिर गया। क्रैश होते ही एयरक्राफ्ट में भीषण आग लग गई और वह पूरी तरह से जल गया। इस हादसे की खबर मिलते ही वायुसेना के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए। मामेल की जांच की जा रही है। जैसलमेर में पहले भी विमान क्रैश हो चुके हैं। सेना का एक एयरक्राफ्ट मार्च महीने में भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हालांकि पायलट खुद की जान बचाने में कामयाब रहा था। इससे पहले भी ऐसे हादसे सामने आते रहे हैं।
April 25, 2024कन्नौज। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कन्नौज लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल कर दिया।अखिलेश यादव के साथ समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे। वहीं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुब्रत पाठक ने भी गुरुवार को ही अपना नामांकन पत्र भरा है। दोनों ही पार्टी के नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ गुरुवार को अपने अपने नामांकन पत्र भर दिए है। अखिलेश यादव 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार सांसद चुने गये थे। उसके बाद वह 2004 और 2009 में भी इसी सीट से सांसद रहे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के चलते 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल निर्विरोध चुनी गई थीं। वर्ष 2014 के आम चुनाव में भी डिंपल ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि साल 2019 के चुनाव में वह भाजपा के सुब्रत पाठक से पराजित हो गई थीं। अखिलेश यादव वर्तमान में करहल विधानसभा सीट से विधायक हैं और उप्र विधानसभा में नेता विपक्ष हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में वह करहल सीट से पहली बार विधायक बने थे। कन्नौज में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत आगामी 13 मई को मतदान होगा।
April 25, 2024नई दिल्ली। डेक्कन हेराल्ड में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक यूरोपियन फूड सेफ्टी अथॉरिटी को सितंबर 2020 से अप्रैल 2024 तक ऐसी 527 खाने की चीजों में कैंसर से जुड़ा केमिकल मिला है जो भारत से जुड़ी हैं। इनमें 332 चीजें ऐसी हैं जो भारत में बनी हैं। इस केमिकल का नाम वही है जो ऐवरेस्ट और एमडीएच के मसालों में मिला था यानी एथिलीन ऑक्साइड।जिन चीजों में एथिलीन ऑक्साइड मिला है, उनमें ड्राई फ्रूट्स और सीड्स पहले नंबर पर हैं। ड्राई फ्रूट्स और सीड्स से जुड़ी 313 चीजों में यह केमिकल पाया गया। इसके बाद हर्ब्स और मसालों से जुड़ी 60 चीजों में, डाइट से जुड़ी खाने-पीने की 48 चीजों में और अन्य खाने-पीने की 34 चीजों में यह केमिकल मिला है। अथॉरिटी के मुताबिक 87 कन्साइनमेंट को बॉर्डर पर ही रिजेक्ट कर दिया गया था। हालांकि बाकी की चीजें मार्केट में पहुंच चुकी थीं लेकिन बाद में उन्हें मार्केट से हटा दिया गया। एथिलीन ऑक्साइड एक कीटनाशक है जिसका इस्तेमाल खेती में कीटों को मारने में किया जाता है। साथ ही यह स्टरलाइजिंग एजेंट के रूप में भी काम करता है। खाने-पीने की चीजों में मिलाने के लिए इसे बैन किया गया है। इसका मुख काम मेडिकल इक्विपमेंट्स को स्टरलाइज करने में किया जाता है। साथ ही मसालों में इसका इस्तेमाल एक सीमित मात्रा में ही कर सकते हैं। एथिलीन ऑक्साइड के अधिक सेवन से पेट और स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है। अगर लंबे समय तक एथिलीन ऑक्साइड किसी भी रूप में खाया जाए तो इससे पेट में संक्रमण, पेट का कैंसर और अन्य बीमारियां होने का खतरा रहता है।
April 24, 2024मुंबई। महाराष्ट्र के यवतमाल में केंद्रीय मंत्री नितिन गडगरी बेहोश हो गए। शुगर लेवल गिरने से उनकी तबीयत खराब हुई। भाषण के दौरान गडकरी को चक्कर आया मंच पर गिर गए। अब उनकी तबीतय स्थिर बताई जा रही है। दरअसल, यवतमाल में एनडीए के उम्मीदवार राजश्री पाटिल के पक्ष में चुनाव प्रचार करने नितिन गडकरी पहुंचे थे। प्रचार के दौरान ही उनकी तबीतय खराब हो गई। वो भाषण दे रहे थे तभी उन्हें चक्कर आ गया और वो मंच पर गिर गए। मंच पर अफरातफरी का माहौल बन गया। वहां मौजूद लोगों ने केंद्रीय मंत्री को संभाला। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें देखा जा सकता है कि मंच पर मौजूद लोग और उनके सुरक्षाकर्मी नितिन गडकरी को उठा रहे हैं। नितिन गडकरी को कुछ मिनट मंच के पीछे ले जाया गया। कुछ मिनट के विश्राम के बाद गडकरी ने पुसद की सभा को फिर संबोधित करना शुरू किया। गौरतलब है कि नितिन गडकरी विदर्भ में एनडीए प्रत्याशियों के लिए आज तीन अलग-अलग सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। पुसद की सभा बुधवार के दिन की उनकी दूसरी सभा थी।बुधवार को पुसद में शिवाजी ग्राउंड में महायुति की उम्मीदवार राजश्री पाटिल के पक्ष में सभा का आयोजन किया गया था। बता दें कि तेज गर्मी की वजह से इस समय विदर्भ में हर जगह तापमान 40 से 43 डिग्री के बीच है। नागपुर में नितिन गडकरी के कार्यालय के मुताबिक केंद्रीय मंत्री अब पूरी तरह से ठीक हैं। वो अपनी तीसरी पूर्व निर्धारित सभा को भी संबोधित करेंगे। सुबह चिखली और दोपहर को पुसद की सभा के बाद नितिन गडकरी की तीसरी सभा वर्धा लोकसभा सीट के अंतर्गत आनेवाले वरुड शहर में होगी।