शहीदों की आकांक्षाओं का राज्य बनाएंगेः धामी

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  • राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर को श्रद्धा पूर्वक याद किया

देहरादून/मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज रामपुर तिराहा कांड के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जिन बलिदानियों के बलिदान से हमें उत्तराखंड राज्य मिला उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। अलग राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले इन शहीदों के मन में अपने नए राज्य को लेकर जो आकांक्षाएं और सपने थे हमारा प्रयास है कि हम उनकी आकांक्षाओं का राज्य बनाएं।


मुख्यमंत्री धामी ने आज सुबह अपने आवास पर पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 155 वीं जयंती पर तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक पहुंचकर शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धा सुमन समर्पित किये।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य आंदोलन में शहीद हुए रामपुर तिराहा कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उस समय उनकी उम्र बहुत कम थी जब राज्य के लोग अलग राज्य को लेकर आंदोलन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अलग राज्य के लिए पहाड़ के लोगों ने बड़ा बलिदान दिया। पुलिस के लाठी डंडे खाए हैं और जेल गए हैं। उन्होंने कहा कि एक सितंबर 1994 को खटीमा का गोलीकांड हुआ जब पुलिस ने बर्बता करते हुए गोलियां चलाई जिसमें सात लोग शहीद हो गए इसके अगले ही दिन 2 सितंबर 1994 को मसूरी में हुए बर्बरतापूर्वक कांड में पांच लोग शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 के रामपुर तिराहा कांड में तो बर्बरता और अमानवीयता की सारी हदें ही लांघ दी गई। जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए दिल्ली जा रहे लोगों पर आधी रात को यूपी पुलिस प्रशासन ने न सिर्फ गोलियां बरसाई बल्कि मां बहनों की इज्जत को तार—तार किया। उन्होंने कहा कि इस अमानवीयता की पीड़ा को राज्य के लोग कभी भूल नहीं सकते हैं।


उन्होंने कहा कि जिन्होंने अलग राज्य के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया उन आंदोलनकारियों के मन में अलग राज्य को लेकर जो बड़े—बड़े सपने थे हमारा प्रयास है कि हम उनके सपनों का राज्य बनाएं। यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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