आरोप सत्य साबित हुए तो छोड़ दूंगा राजनीति
हाईकमान से की जांच कराने की मांग
मेरी छवि खराब करने की कोशिश
नई दिल्ली/देहरादून। विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बड़ी हार के बाद कांग्रेसी नेताओं के बीच जिस तरह का घमासान जारी है वह अब चरम सीमा पर पहुंच चुका है। मीडिया के सामने आए चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने आज केंद्रीय नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह उन्हें लेकर जिस तरह के बयान दे रहे हैं उनकी हाईकमान जांच कराएं। अगर आरोप सत्य साबित हुए तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस संगठन महामंत्री विष्णु गोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव द्वारा बयान दिया गया था कि प्रीतम सिंह गुट के असहयोग के कारण कांग्रेस को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। अपने ऊपर लगे इस आरोप पर आज प्रीतम सिंह ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन लोगों की गुटबाजी के कारण कांग्रेस की हार हुई उनसे कोई क्यों नहीं पूछ रहा है। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को उनकी छवि खराब करने का षड्यंत्र बताते हुए कहा कि अगर मैंने कभी पार्टी या अधिकृत किसी प्रत्याशी के खिलाफ कभी कोई बात कही हो या कुछ कहा हो तो आरोप लगाने वाले उसका सबूत पेश करें। उन्होंने कहा कि अगर मेरे ऊपर लगे आरोप सत्य साबित होते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने इन आरोपों की हाईकमान से जांच कराने की मांग की है।
बीते कल करण माहरा को प्रदेश अध्यक्ष और यशपाल आर्य को नेता विपक्ष बनाए जाने पर कहा कि यह पार्टी हाईकमान का फैसला है इस पर वह कुछ नहीं कहना चाहते साथ ही उन्हें कोई पद न दिए जाने पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे इस तरह के आरोपों के बाद कोई पद चाहिए भी नहीं। मेरी अंतरात्मा ऐसी स्थिति में किसी भी पद को स्वीकार करने की अनुमति नहीं देगी। कल मुख्यमंत्री धामी के साथ हुई अपनी मुलाकात के मकसद पर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी मुलाकात का कार्यक्रम पहले से तय था इसका नेता विपक्ष व प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा से कोई मतलब नहीं है न इसे इससे जोड़कर देखा जाना चाहिए। केंद्रीय नेताओं द्वारा अपने खिलाफ कई गई बातों से आहत दिखे प्रीतम सिंह का कहना है कि जब तक इन अनर्गल आरोपों की जांच नहीं होगी और दूध का दूध और पानी का पानी नहीं होगा तब तक वह कोई पद नहीं लेंगे। उन्हें चकराता की जनता ने चुना है उनके लिए काम करते रहेंगे।