कांग्रेस ने उठाया चारधाम व्यवस्थाओं का मुद्दा
परिसंपत्ति बंटवारे व परिवहन का मुद्दा उठाया
देहरादून। बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के तीखे सवालों का जवाब सरकार के मंत्री ठीक से नहीं दे सके। कई बार प्रश्नकाल के दौरान ऐसी स्थितियों का सामना सरकार को करना पड़ा जब मंत्री असहज दिखे और उन्हें तैयारी के साथ सदन में आने की हिदायत दी गई।
कांग्रेस ने आज सदन में चारधाम यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाते हुए नियम 310 के तहत चर्चा कराने की मांग की लेकिन पीठ ने इसे ठुकरा दिया और नियम 58 के तहत चर्चा कराने की स्वीकृति दे दी गई। चकराता विधायक और पूर्व नेता विपक्ष प्रीतम सिंह द्वारा यूपी और उत्तराखंड की परिसंपत्तियों के बंटवारे का मुद्दा उठाते हुए पूछा गया कि क्या सभी परिसंपत्तियों का बंटवारा हो चुका है अगर नहीं तो सरकार बताएं कितनी परिसंपत्तियों का बटवारा हो गया है और कितनी परिसंपत्तियों का बंटवारा अभी बाकी है। जिसका जवाब संसदीय कार्य मंत्री नहीं दे सके। उन्होंने बताया कि कुल 14 विभागों की परिसंपत्तियों का बंटवारा हुआ था जिसमें से 8 विभागों की परिसंपत्तियों का बंटवारा ही हो पाया है शेष छह का बटवारा बाकी है। उल्लेखनीय है कि कुल 70 परिसंपत्तियों का बंटवारा होना था। इसमें से कितनी का हुआ व कितने का नहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल इसका जवाब नहीं दे सके।
ठीक उसी तरह परिवहन मंत्री चंदन राम दास भी विभाग द्वारा खरीदी गई एसी बसों के बारे में इस सवाल का जवाब नहीं दे सके कि यह कितने में खरीदी गई थी। 19 साल से घाटे में चल रहे परिवहन विभाग से जुड़े सवालों का ठीक से जवाब नहीं दिए जाने पर कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया और पीठ से निवेदन किया कि वह मंत्रियों से कहे कि वह पूरी तैयारी के साथ सदन में आए। सदन में कांग्रेस ने आज सफाई कर्मियों का भी मुद्दा उठाया। प्रश्नकाल में हालांकि सभी तारांकित सवालों को लिया गया। चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर लंच के बाद चर्चा होनी है। चारों धामों में अब तक पहुंची भारी भीड़ और 200 से अधिक लोगों की मौत के मुद्दे पर कांग्रेस हमलावर है। इसके साथ ही बीते कल सरकार द्वारा पेश किए गए 65571 करोड़ के बजट को लेकर विपक्ष इसे निराशाजनक बता रहा है तथा उसका कहना है कि बजट में गैरसैंण, युवाओं व बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है। जबकि सरकार इसे सर्वस्पर्शी बजट बता रही है और डबल इंजन सरकार के बजट में योजनाओं में डबल बजट के प्रावधान की बात कह रही है।