यूपी, उत्तराखंड के बीच 21 साल पुराना परिसंपत्ति विवाद सुलझा

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हरिद्वार का अलगनन्दा होटल उत्तराखण्ड को मिलेगा

सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि का होगा ज्वांइट सर्वे

पर्यटन स्थलों पर साहसिक पर्यटन पर लगी रोक को हटाया

उत्तराखण्ड वन विभाग को मिलेगें 90 करोड़ रूपये

किच्छा वनवसा बैराज का उत्तर प्रदेश करायेगा पुर्ननिर्माण

किच्छा बस स्टेशन पर होगा उत्तराखण्ड का अधिकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच 21 सालों से चले आ रहे परिसंपत्ति बंटवारे का विवाद पूरी तरह से सुलझा लिया गया है। 20 हजार करोड़ के संपत्ति विवाद पर दोनों राज्यों के बीच सहमति बन गई है। तथा कुछ मुद्दों पर 15 दिन में फैसला हो जाएगा। दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों को लेकर जो वाद न्यायालय में चल रहे हैं उन्हें दोनों राज्यों की सरकारें वापस लेने पर भी राजी हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज यहां एक पत्रकार वार्ता में इस आशय की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि लगभग सभी मामलों का निस्तारण हो चुका है। कुछ शेष मुद्दों पर 15 दिन में फैसला लिए जाने की बात भी मुख्यमंत्री धामी ने कही है। उन्होंने बताया कि 5700 हेक्टेयर जमीन पर दोनों राज्यों की सरकारें ज्वाइंट सर्वे करेंगी जिसे भी जिस जमीन की जरूरत होगी वह उसे ले लेगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड वन विभाग को 90 करोड़ रूपये मिलेंगे, वहीं परिवहन विभाग को 205 करोड़ रूपये मिलगें। हरिद्वार के अलकनंदा होटल पर उत्तराखंड का अधिकार होगा, वनवसा किच्छा बैराज का पुनर्निर्माण कराया जाएगा। पुनर्निर्माण का कार्य उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जिन पर्यटक स्थलों पर साहसिक पर्यटन की गतिविधियों पर रोक लगी थी उन्हे भी हटा दिया गया है। किच्छा बस स्टॉप की जमीन उत्तराखंड को दे दी गई है। उन्होंने कहा कि 21 साल से चले आ रहे इस विवाद को अब पूरी तरह से सुलझा लिया गया है सिंचाई विभाग की 57 सौ हेक्टेयर जमीन जिसमें 17 सौ सरकारी भवन भी हैं उनके ज्वांइट सर्वे करने पर सहमति बन गई है। दोनों राज्यों के बीच इन परिसंपत्तियों को लेकर न्यायालय में जो वाद चल रहे हैं उन्हें वापस लेने पर दोनों राज्यों की सरकारें सहमत हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभारी हूं कि उन्होंने बड़े भाई की तरह हमारी सारी बातों को गंभीरता से सुना और उसके समाधान में उदारता भी दिखाई गई। उन्होंने कहा कि लगभग सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है कुछ मुद्दों पर तकनीकी कारणों से आज फैसला नहीं लिया जा सका उसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 दिनों का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि 21 साल पुराने इस विवाद के समाधान से दोनों राज्यों को फायदा होगा।

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