नई दिल्ली । नोएडा में बीते दिन सुपरटेक के ट्विन टावर जमींदोज किए जा चुके हैं। ट्विन टावर को बनाने में नियमों के उल्लंघन के जो आरोप लगे थे, सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा से जब पूछा गया कि रविवार को जब ट्विन टावर गिराए गए तो क्या उन्होंने देखा? इस सवाल के जवाब में सुपरटेक के चेयरमैन ने कहा, ‘जब सुबह ट्विन टावर गिराए जाने थे, उस पूरी रात मुझे नींद ही नहीं आई। मुझे यही चिंता थी कि टावर गिरने से आसपास की इमारतों को कोई नुकसान ना पहुंचे। इसलिए ही हम सबसे बेहतर बिल्डिंग गिराने वाली एक्सपर्ट कंपनी को लेकर आए थे, जिससे किसी कोई नुकसान न पहुंचे।’ अरोड़ा ने आगे कहा कि टावर का गिराया जाना उनके लिए बहुत दुखदाई क्षण था, अरोड़ा ने कहा कि हमने टावर गिराने कि लिए पैसे दिए। साथ ही टावर में मकान खरीद चुके लोगों के पैसे भी ब्याज समेत लौटाएं हैं। आरके अरोड़ा ने दावा किया कि ट्विन टावर एमरल्ड कोर्ट में बनने थे ये बात पहले से तय थी, लेकिन उनकी हाइट 40 मंजिल तक बढ़ाने की इजाजत बाद में ली गई थी। आरके अरोड़ा का कहना था कि उन्होंने कोई नियम नहीं तोड़ा था, उनके मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने टावर तोड़ने का ऑर्डर इसलिए दिया क्योंकि ट्विन टावर की हाइट बढ़ाने से पहले वहां पहले से मौजूद 15 टावर के लोगों से इजाज़त नहीं ली गई थी। अरोड़ा ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि यह अनुमति लेने का काम अथॉरिटी का था।