यूसीसी पर भाजपा कांग्रेस के बीच जुबानी जंग जारी

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  • हरीश रावत ने यूसीसी की तुलना मां गंगा और कुंभ से करने पर जताई आपत्ति

देहरादून। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भले ही उत्तराखंड में लागू हो गया हो लेकिन यूसीसी को लेकर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने यूसीसी की तुलना मां गंगा और कुंभ से किए जाने पर आपत्ति जताई है तो वहीं अब भाजपा के नेता भी हरीश रावत और कांग्रेस को तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अभी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब प्रयागराज में कुंभ स्नान के लिए गए थे तो इस दौरान साधु संत समाज द्वारा यूसीसी लागू करने पर उन्हें सम्मानित किया गया था। यहां अपने संबोधन में सीएम धामी ने यूसीसी पर बोलते हुए कहा था कि जिस तरह से देवभूमि में निकलकर मां गंगा पूरे देश का कल्याण करती है ठीक वैसे ही यूसीसी जिसकी शुरुआत उत्तराखंड से हुई है देशभर के समाज के लिए हितकारी साबित होगी।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा यूसीसी की तुलना मां गंगा व कुंभ से किए जाने पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मां गंगा से यूसीसी की तुलना करना गलत है। मां गंगा तो सभी का कल्याण करती है लोग इसके जल का आचमन कर पवन होते हैं जबकि यूसीसी ने देवभूमि को गंभीर आघात दिए हैं हमारी संस्कृति को विलुप्त करने का काम किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस बयान पर विधायक दिलीप रावत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि कांग्रेस नेता हरीश रावत के बारे में सभी जानते हैं कि वह किस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा है कि जिस तरह गंगा किसी भी जाति धर्म और संप्रदाय के लोगों में भेदभाव नहीं करती है ठीक वैसे ही यूसीसी के नियम कानून भी सभी की समानता के लिए काम करेंगे। सभी के लिए एक समान अवसर होंगे एक जैसे नियम होंगे इसलिए यूसीसी की तुलना गंगा से किया जाना कतई भी गलत नहीं है। उधर यूसीसी को लेकर एससी के युवाओं के लिए पंजीकरण जरूरी न होने पर भी विवाद जारी है। तथा कुछ सामाजिक संगठन इसके विरोध में प्रदर्शन आदि करने में जुटे हैं जबकि प्रदेश में यूसीसी लागू हो चुका है।

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