जम्मू। जम्मू के उपायुक्त ने 1 वर्ष से अधिक समय से जम्मू-कश्मीर में रह रहे दूसरे राज्य के निवासियों को मतदाता बनने की अनुमति देने वाला आदेश वापस ले लिया है। आदेश जारी होने के ठीक एक दिन बाद, जम्मू के उपायुक्त ने अपने पहले के आदेश को वापस ले लिया। पहले के आदेश में सभी तहसीलदारों को जम्मू में रहने वाले लोगों को “एक वर्ष से अधिक समय से” निवास का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत किया गया था। जम्मू के उपायुक्त ने पहले जो आदेश जारी किया था उसके तहत उन सभी निवासियों को मतदाता के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति दी थी जो एक वर्ष से अधिक समय से जम्मू में रह रहे हैं। जम्मू के उपायुक्त, अवनी लवासा ने तहसीलदारों (राजस्व अधिकारियों) को एक वर्ष से अधिक समय से जिले में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को निवास का प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत करने वाले अपने पहले के आदेश को वापस ले लिया। रोचक तथ्य है कि आदेश जारी होने के ठीक एक दिन बाद ऑर्डर वापस ले लिए गए। लवासा जिला चुनाव अधिकारी भी हैं।
पहले के आदेश के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो जम्मू जिले में एक वर्ष से अधिक समय से रह रहा है, अगर उसके पास आधार कार्ड, पानी/बिजली/गैस कनेक्शन, बैंक पासबुक, पासपोर्ट, पंजीकृत भूमि विलेख आदि जैसे दस्तावेज हैं, तो इनका उपयोग करके मतदाता के रूप में पंजीकरण कराया जा सकता है। बता दें कि जम्मू कश्मीर वोटिंग आदेश का वहां के क्षेत्रीय दलों ने तत्काल विरोध किया था। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) ने कहा कि उन्होंने सरकार के इस कदम का विरोध किया था।