नई दिल्ली। म्यांमार, थाईलैंड से बांग्लादेश तक भूकंप के तेज झटकों से भारी तबाही आई है। बड़ी-बड़ी इमारतें गिर गईं। सड़कों पर दरारें आ गईं हैं। पल भर में पुल जमींदोज हो गए। हर तरफ चीख-पुकार मच गई। जान बचाने के लिए लोग भागने लगे। सैंकड़ों लोग मलबे में दबे हैं। बुलडोजर से राहत और बचाव का काम चल रहा। भूकंप का केंद्र म्यांमार में था, भूकंप इतना जबरदस्त था कि बैंकॉक में कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं, 43 लोग लापता हैं। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने इसे 7.7 तीव्रता का बताया है जबकि चीन की सरकारी न्यूज़ एजेंसी शिन्हुआ ने चाइना अर्थक्वेक नेटवर्क्स सेंटर के हवाले से भूकंप की तीव्रता 7.9 बताई है। म्यांमार के मांडलेय शहर में भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। यहां शहर के कई मंदिर और बौद्ध स्थल टूट गए हैं।
बांग्लादेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यहां रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.3 रही। ढाका और चटगांव सहित बांग्लादेश के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, इससे अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। बांग्लादेश मौसम विभाग के अनुसार, दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र बांग्लादेश सीमा के पास म्यांमा के मांडले में था। ढाका से भूकंप के केंद्र की दूरी 597 किलोमीटर है। समाचार वेबसाइट ‘प्रथम अलो’ ने मौसम विभाग के भूकंप अवलोकन एवं अनुसंधान केंद्र के कार्यवाहक अधिकारी मोहम्मद रुबायत कबीर के हवाले से बताया कि 7.3 तीव्रता वाले भूकंप को बड़ी भूकंपीय घटना के रूप में वर्गीकृत किया गया है।