बन्नू कॉलेज में करेंगे जनसभा को संबोधित
कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का कार्यक्रम
देहरादून। केंद्र गृहमंत्री अमित शाह कल उत्तराखंड की दौरे पर आ रहे हैं। उनके इस प्रस्तावित दौरे का उद्देश्य राज्य में चुनावी शंखनाद का शुभारंभ है। वह कल राजधानी में एक बड़ी जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इसकी अलावा उनके कई कार्यक्रम प्रस्तावित है जिसमें ट्टघसियारी’ योजना का शुभारंभ किया जाना भी शामिल है। लेकिन विपक्ष कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस घसियारी योजना के श्री गणेश से पूर्व ही घसियारी शब्द को मां बहनों का अपमान बताकर इस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह दौरा काफी समय पूर्व ही तय हो चुका था जिसे लेकर भाजपा संगठन लंबे समय से इसकी तैयारियों में झूठा हुआ है अमित शाह कल दस बजे तक दून पहुंचेंगे तथा 11 बजे बन्नू कॉलेज प्रांगण में उनकी जनसभा होने जा रही है जिसकी तैयारियां जोरों पर है। अपनी इस जनसभा की जरिए वह भाजपा के चुनाव अभियान का शुभारंभ करेंगे। कल भाजपा के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ उनकी बैठक भी तय है। जिसमें वह उनका मनोबल बढ़ाने और काम—काज के टिप्स भी देंगें। कैसे उन्हें अपने क्षेत्र में चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाना है तथा केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को हर घर और हर आदमी तक पहुंचाना है। कल ही अमित शाह कोर ग्रुप की बैठक में भी भाग लेंगे इसके बाद उनका कार्यक्रम हरिद्वार जाने का भी है। अपने दौरे के दौरान की पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लाई गयी घसियारी योजना का शुभारंभ भी पौड़ी से किया जाना है लेकिन इस योजना की लॉन्चिंग से पूर्व ही इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। उल्लेखनीय है कि राज्य की महिलाएं जो पशुओं के चारा लाने के लिए जंगल में जाती है और जिन्हे कई बार जंगली पशुओं का शिकार भी होना पड़ता है जिससे छुटकारे के लिए राज्य में घसियारी योजना शुरु करने और चारा बैंक बनाने की योजना बनाई गई थी जिसके जरिए पशुपालक महिलाओं को सस्ती दरों पर चारा उपलब्ध कराने की है।
घसियारी संबोधन मां बहनों का अपमानःहरीश
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार की घसियारी योजना पर उसकी लॉन्चिंग से पहले ही सवाल उठा दिया गया है। उनका कहना है कि इस योजना का नाम घसियारी होना हमारी मां बहनों का अपमान है। उन्होंने कहा कि हम अपनी मां बहनों को ग्रह लक्ष्मी, ग्रहणी और मातृशक्ति जैसे शब्दों से संबोधित करते हैं उन्हें घसियारी कहना न सिर्फ निंदनीय है बल्कि उनका अपमान है उसका नाम वंदना, मानसी, गौरा देवी या किसी सम्मानित महिला के नाम पर रखा जा सकता था।