देश में जून के बाद आ सकती है मंदी, केंद्रीय मंत्री नारायण ने जताई आशंका

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नई दिल्ली। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने आशंका जताई है कि जून के महीने में देश में मंदी आ सकती है। उन्होंने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि वैश्विक आर्थिक मंदी से नागरिक प्रभावित न हों। महाराष्ट्र के पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान नारायण राणे ने यह आशंका जताई है।
राणे पुणे में पहली जी-20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सच है कि वर्तमान में विभिन्न विकसित देश मंदी का सामना कर रहे हैं। माना जा रहा है कि जून के बाद मंदी आ सकती है। केंद्र और पीएम मोदी की कोशिश है कि देश की जनता पर मंदी का असर न पड़े।
आर्थिक मंदी का सामना करने के लिए भारत की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चूंकि हम कैबिनेट में हैं, इसलिए हमें (आर्थिक मंदी के बारे में) जानकारी मिलती है या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके बारे में हमें सुझाव देते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रमुख विकसित देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं कि नागरिक प्रभावित न हों। राणे ने यह भी कहा कि रोजगार पैदा करने वाले उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक और सतत आर्थिक विकास के लिए जी-20 की बैठक महत्वपूर्ण है। भारत 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा। जी-20 की बैठक का इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप भारत के नेतृत्व में इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंडा 2023 पर चर्चा करेगा। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप और भारत द्वारा आमंत्रित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सदस्य देशों और अतिथि देशों के 65 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। आर्थिक मामलों का विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील की अध्यक्षता में दो दिवसीय इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक आयोजित कर रहा है।

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