सरकार बनाने का फैसला एक—दो दिन टला
काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के 20 दिन बाद पंजशीर पर तालिबान के कब्जे की खबरों को लेकर संशय की स्थिति बरकरार है। भले ही तालिबानी लड़ाकों द्वारा काबुल में इसे लेकर फायरिंग कर जश्न मनाया जा रहा हो लेकिन दूसरी तरफ अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि अभी लड़ाई जारी है।
बीते कई दिनों से पंजशीर में अहमद मसूद और पूर्व उप राष्ट्रपति सालेह ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है उनका कहना है कि संघर्ष जारी है तालिबान मीडिया के माध्यम से भ्रामक खबरें फैला रहा है। और उन्होंने न ही देश छोड़ा है उन्होंने कहा कि मैं अपनी मिटृी के साथ हूं और इसकी गरिमा के लिए आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, चीन और रूस पंजशीर रेजिडेंस को लेकर प्रोपोगंडा चला रहे है।
उधर एक तालिबानी कमांडर ने दावा किया है कि खुदा की कृपा से अब पूरा अफगानिस्तान हमारी कब्जे में है। दिक्कत पैदा करने वालों को हमने हरा दिया है हालांकि पंचशील पर तालिबान के कब्जे की अभी तक किसी के द्वारा भी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। तालिबान के लड़ाके भले ही कब्जे का दावा कर रहे हो लेकिन अमरुल्ला सालेही ने तालिबान के इस दावे को खारिज कर दिया है।
उधर आज अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार के गठन होने की खबरें आ रही थी लेकिन अब सरकार के गठन को तीन—चार दिन के लिए टाल दिया गया है। जिसके पीछे तालिबान ने सभी की सरकार में भागीदारी को अहम मुद्दा व कारण बताया है। लेकिन इसके पीछे पंचशील में तालिबान के साथ चल रहा संघर्ष भी एक कारण हो सकता है।