नई दिल्ली। लोकसभा और राज्यसभा में आज विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा मचाया। हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। इस हंगामे का कारण था अमित शाह का वह बयान जो उन्होंने राज्यसभा में कल दिया था। संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने बाबा साहब अंबेडकर का जिक्र किया। मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि , ”अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ इस मुद्दे को लेकर आज सदन के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। सदन के बाहर भी विपक्षी सांसदों ने बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी सांसदों का कहना है कि बाबा साहेब का अपमान कांग्रेस पार्टी ने किया। अंबेडकर को नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा क्यों देना पड़ा?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि शाह की टिप्पणी का यह मतलब था कि बाबासाहेब का नाम लेना भी गुनाह है। उन्होंने कहा, ”अमित शाह जी ने कल सदन (राज्यसभा) में जब बाबासाहेब आंबेडकर जी का नाम लेकर बयान दिया, तब मैंने हाथ उठाकर बोलने की इजाजत मांगी थी। लेकिन मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया। उस समय हम सब सहयोग की भावना से चुपचाप बैठे रहे, क्योंकि हम संविधान पर चर्चा कर रहे थे।”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित करने के लिए बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि विपक्ष गृह मंत्री की टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है। रिजीजू ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ” शाह के राज्यसभा में भाषण की एक छोटी क्लिप प्रसारित हो रही है, जिसमें उन्होंने जो कहा, उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। यह गलत है। मैं इसकी निंदा करता हूं।”





