नई दिल्ली। सरकार ने विदेश में प्रॉपर्टी के तौर पर काला धन खपाने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने की चेतावनी दी है। काला धन देश की राजनीति के लिहाज से जितना चर्चित मुद्दा है, मोदी सरकार काले धन पर लगाम लगाने के लिए पहले से ही जुटी हुई, अब सरकार ने विदेश में प्रॉपर्टी के तौर पर काला धन खपाने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने की चेतावनी दी है। इस सिलसिले में इनकम टैक्स अधिकारी स्विट्जरलैंड और पुर्तगाल में संपत्ति रखने वाले अमीर भारतीयों की तलाश में जुटे हैं। काले धन यानी ब्लैक मनी पर पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। दूसरी तरफ हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल की विदेश में रखी गई अचल संपत्तियों पर भी शिकंजा कसने के लिए इनकम टैक्स विभाग ने उनके विदेशी रियल एस्टेट निवेश की जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में अब तक हजारों नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स अधिकारियों ने नोटिस जारी करने के बाद सर्वे भी किया है, जिससे पता चला है कि खासतौर पर स्विट्जरलैंड और पुर्तगाल में भारतीय एचएनआई ने रियल एस्टेट में भारी निवेश किया है, क्योंकि पश्चिमी यूरोप में पुर्तगाल रियल एस्टेट निवेश के लिहाज से सबसे ज्यादा मांग वाले देशों में शामिल है। सूत्रों के मुताबिक अघोषित विदेशी संपत्तियों और इन संपत्तियों से अर्जित आय को छिपाने वालों को खासतौर पर दबोचने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 133(ए) और धारा 133(6) के तहत एचएनआई से उनके पास विदेश में मौजूद रियल एस्टेट संपत्तियों के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। धारा 133 (ए) के तहत जारी नोटिस का अगर कोई जवाब नहीं देता है या जानकारी संतोषजनक नहीं लगती है, तो इनकम टैक्स अधिकारी नोटिस देने के बाद घर, दफ्तर या किसी भी परिसर में घुसकर तलाशी ले सकते हैं और दस्तावेज व जरूरी लगने वाली किसी भी वस्तु को जब्त कर सकते हैं। वहीं, धारा 133 (6) के तहत किसी भी व्यक्ति को समन भेजकर उससे टैक्स रिटर्न के संबंध में जानकारी या साक्ष्य मांगे जा सकते हैं।