देहरादून। महानगर कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं नें अंकिता भंडारी हत्याकांड एवं महिला उत्पीड़न, पर भाजपा की महिला नेत्रियों की चुप्पी, भाजपा नेता बंसीधर भगत द्वारा किए गए हिंदू देवी देवताओं के अपमान तथा महिला अधिकारों तथा जनहीत के मुद्दों के प्रति मुखर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी की आवाज को सत्ता के बल पर दबानें के विरोध में महानगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार का पुतला दहन किया।
देहरादून महानगर कार्यकारी अध्यक्ष डॉ0 जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि अंकिता हत्याकाण्ड जैसे जघन्य अपराध राज्य में महिला सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता के पुत्र का रिसॉर्ट होने के चलते राज्य सरकार द्वारा शुरुआत से ही इस जघन्य अपराध की घटना पर पर्दा डालने का काम किया जा रहा है। सरकार के दबाव में पहले ही राजस्व पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज करने में हीला हवाली की गई तथा इसके उपरान्त रेगुलर पुलिस द्वारा 19 सितम्बर, 2022 को लापता हुई युवती की चार दिन तक भी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जब कभी भी ऐसी घटना होती है तो उस स्थान को सील कर दिया जाता है परन्तु रात के अंधेरे में बुलडोजर एवं आगजनी करके सबूतों को नष्ट करने का काम किया गया।
गोगी ने कहा कि जिस वीआईपी के नाम पर अंकिता हत्याकांड को अंजाम दिया गया उसके नाम का भी खुलासा करने में सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन कतरा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार कहती आ रही है कि भाजपा शासन में प्रदेश में भय का वातावरण बना हुआ है। उन्होने कहा कि आज राज्य की महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य पुलिस के आला अधिकारी इस हत्याकांड के मुख्य अपराधी के पिता से हाथ मिलाते हुए दिख रहे हैं ऐसे में पुलिस की जांच पर विश्वास कैसे किया जा सकता है।
डॉ0 जसविंदर ंिसह गोगी नेें कहा कि कांग्रेस की मुख्य प्रवत्तQा गरिमा महरा दसौनी ने अपने निजता के अधिकार के हनन की शिकायतं 5 अक्टूबर 2022 को ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून को सौंप दी थी। परन्तु पुलिस विभाग द्वारा शिकायती पत्र पर आज तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया और न ही अभी तक रिपोर्ट दर्ज की गई है और ना ही कोई उचित कार्रवाही ही की गई है। जबकि फिक्की की अध्यक्षा एवं भाजपा नेत्री डॉ0 नेहा शर्मा द्वारा 6 अक्टूबर को गरिमा महरा दसौनी के खिलाफ दिये गये शिकायती पत्र पर पुलिस विभाग द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए गरिमा के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर दी गई। धस्माना ने कहा की उत्पीड़न यहीं पर नहीं रुका 8 अक्टूबर को बाल आयोग की अध्यक्ष के द्वारा और 10 अक्टूबर को महिला आयोग की अध्यक्ष के द्वारा गरिमा दसौनी के खिलाफ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंपा गया जिनका कोई ठोस आधार नहीं है।
उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड में हत्या, चोरी, डकैती, मासूमों से बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। राज्य में पिछले दो माह में घटी इन घटनाओं नेे सरकार की लचर कानून व्यवस्था उजागर करने के साथ—साथ राज्य की अस्मिता पर भी चोट पहुंचाने का काम किया है। राज्य की जनता में भय का वातावरण व्याप्त है तथा आमजन विषेशकर महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के एक विधायक खुलेआम देवी देवताओं को अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, विष्णु भगवान, अराध्य देव शंकर भगवान का अपमान कर रहे है, इस तरह के बयान शर्मशार करने वाले है।
पुतला दहन करनें वालों में गरिमा दसौनी, पूरण सिंह रावत, महेन्द्र नेगी (गुरू जी), षीषपाल बिश्ट, लक्की राणा, रॉबिन त्यागी, अभिशेक तिवारी, विजय भटृाराई, राजेश चमोली, अनूप पासी, अनिल बस्नेत, विजय षाही, संजय भारती, मोहन कुमार काला, विरेन्द्र, षकील मंसूरी, अरूण रतूड़ी, अरूण बलूनी, मौ0 फैसल, एच बी थापा, आदी मौजूद रहे।