बाजारों में नहीं दिख रहा उत्साह
देहरादून। त्यौहारी सीजन में बढ़ती महंगाई की मार का असर अब बाजारों में भी दिखने लगा है लोग पहले ही कोरोना की मार से परेशान हैं अब महंगाई ने उनका हाल बेहाल कर दिया है। जेब खाली हो तो बाजार कौन जाए। यही कारण है कि इस बार त्योहारी सीजन में बाजारों में पहले जैसी चहल—पहल नहीं दिख रही है। ग्राहकों की कमी के कारण व्यवसाई और दुकानदार भी उदास है।
डेढ़ साल से कोरोना की मार झेल कर किसी तरह अपने आप को संभालने की कोशिशों में लगे लोगों के लिए अब बढ़ती महंगाई बड़ी समस्या बनी हुई है। पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने ही लोगों के नाक में दम नहीं कर रखा है। इन दिनों सब्जियों के भाव भी आसमान छू रहे हैं और लोग एक—एक पाव सब्जी खरीदने पर मजबूर हैं। इन दिनों टमाटर और प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ रही है टमाटर का भाव तो 80 से 100 रूपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर है। वही प्याज जो 1 सप्ताह पहले तक 40 रूपये प्रति किलो था वह अब 70 रूपये किलो हो गया है। टमाटर प्याज ही नहीं गोभी मटर के भाव भी 80 से 120 रूपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। बाजार में कोई भी सब्जी 40 रूपये किलो से नीचे नहीं है।
आमतौर पर जब पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ते हैं तो इसका असर अन्य आम उपभोक्ता वस्तुओं पर भी पड़ता है। लेकिन इस बार सिर्फ पेट्रोल डीजल व रसोई गैस के दाम ही रिकॉर्ड ऊंचाई पर नहीं पहुंचे हैं बेमौसम बारिश के कारण भी सब्जियों की फसल खराब होने का असर इनकी कीमतों पर पड़ा है। सरकार ने भले ही अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तीन फीसदी बढ़ा दिया हो लेकिन मजदूर और असंगठित क्षेत्र के लोगों की हालत पर इस बढ़ती महंगाई का गंभीर प्रभाव पढ़ रहा है और बढ़ती महंगाई ने उनके त्योहारों को भी फीका कर दिया है