भाजपा के कई हार्डकोर नेता भी कांग्रेस में आएंगे
देहरादून। यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत के तेवर अत्यंत ही तीखे होते जा रहे हैं। आज उन्होंने भाजपा की दल बदल की राजनीति पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि बीते पांच साल में भाजपा ने सूबे की राजनीति की दिशा ही बदल कर रख दी है। 2016 में हरीश रावत सरकार से बगावत कर भाजपा में गए कांग्रेसी नेताओं की पार्टी में वापसी के मामले में उनका कहना है कि उन्होंने जो महापाप किया है उसके लिए पहले वह माफी तो मांगे, वह अपनी गलती को पहले स्वीकार करें कांग्रेस के दरवाजे उनके लिए खुले हैं।
हरीश रावत का कहना है कि भाजपा के नेता व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने संसद में कहा था कि सत्ता के लिए दलबदल महापाप है। 2016 में उनकी सरकार को गिराने का यह महापाप भाजपा और उन कांग्रेसी नेताओं ने किया है जो काग्रेस छोड़कर भाजपा में गए। उन्होंने कहा कि भाजपा की दल बदल की राजनीति ने बीते 6 सालों में दिशा और दशा ही बदल कर रख दी, हरीश रावत यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि वह दलबदल के पक्षधर नहीं हैं लेकिन भाजपा को अभी और भी कई बड़े झटके लगने वाले हैं। भाजपा के कई हार्डकोर नेता पार्टी छोड़ने को तैयार बैठे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नाम पर उनके विधायक खड़े भी नहीं रह पाएंगे।
हरीश रावत ने आर्य की वापसी पर कहा कि वह 2016 में हुए दलबदल का हिस्सा नहीं थे पार्टी में हर व्यक्ति की अपनी सोच और वैचारिक मतभेद हो सकते हैं जिसके कारण वह भाजपा में गए उन्होंने पार्टी के खिलाफ कुछ ऐसा नहीं किया था इसलिए आज पार्टी और मैं खुद उनका स्वागत करने के लिए खड़ा हूं। मुझे उम्मीद है कि उनका अनुभव पार्टी को 2022 के चुनाव में काम आएगा।
कांग्रेस के संपर्क में नहीं कोई भाजपा नेता
देहरादून। हरीश रावत द्वारा भाजपा हार्डकोर नेताओं के कांग्रेस में जाने या उनके संपर्क में होने की बात का खंडन करते हुए भाजपा ने कहा है कि हरीश रावत मिथ्या प्रचार कर रहे हैं। तथा भाजपा पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहे हैं उनके संपर्क में भाजपा का कोई मंत्री या विधायक अथवा नेता नहीं है न कोई पार्टी छोड़कर जा रहा है।
यशपाल आर्य के कांग्रेस में जाने से अब भाजपा बैकफुट पर है। वह भाजपा नेता जो नो एंट्री का बोर्ड लगाने की बात करते थे अब अपना घर बचाने में जुटे हैं। बिशन सिंह चुफाल व गणेश जोशी ने भले ही हरीश रावत के बयान का खंडन किया हो लेकिन भाजपा के अंदर अब इस बात का भय जरूर सता रहा है कि उनके कुछ नेता कांग्रेस में चले तो नहीं जाएंगे।