मां धारी देवी अपने मूल स्थान पर विराजमान

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श्रीनगर। मां धारी देवी मंदिर की मूर्ति आज पूरे 9 साल बाद विधि—विधान के साथ अस्थायी मंदिर से स्थायी मंदिर में शिफ्ट कर दी गई है। मंदिर ट्रस्ट के पुजारियों द्वारा सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर चर लग्न में मूर्ति को अस्थायी मंदिर से उठाकर 8 बजकर 10 मिनट पर स्त्री लग्न में नए मंदिर में स्थापित किया गया। वहीं मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 10 बजे बाद दर्शन के लिए खोले गए।
इस मौके पर श्रीनगर विधायक व उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भी मां धारी देवी की आराधना के लिए मंदिर में पहुंचे। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि जल्द मंदिर परिसर के आसपास के इलाके में सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। मंदिर के निकट एक बड़ा स्नान घाट बनाया जाएगा। मंदिर को जाने वाली सड़क को पक्का करने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। मंदिर में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार एक बड़ी योजना के तहत धारी देवी परिसर को सजाने संवारने का कार्य करेगी। इस दौरान मंदिर परिसर को 25 क्विंटल फूलों से सजाया गया। भक्तों के लिए 10 बजे से दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खोल दिये गए। व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस बल की भी मदद ली गयी थी।
श्रीनगर जल विघुत परियोजना निर्माण के बाद यह मंदिर डूब क्षेत्र में आ गया था। जिसके बाद जीवीके कंपनी की ओर से पिलर खड़े कर मंदिर का निर्माण किया गया। इसके बाद केदारनाथ आपदा के कारण अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने पर मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं को अपलिफ्ट कर दिया गया। लगभग चार साल पूर्व कंपनी की ओर से इसी के समीप नदी तल से करीब 30 मीटर ऊपर पिलर पर आकर्षक मंदिर का निर्माण कराया गया है।

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