कृषि कानूनों का विरोध सियासी धोखाधड़ीः मोदी

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मोदी की सफलता से डरकर फैला रहे हैं भ्रम
जनशक्ति नहीं राजशक्ति चाहिए विपक्ष को

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को लेकर विपक्ष पर बड़ा हमला बोला है। उनका कहना है कि कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है तथा यह विरोध सियासी धोखाधड़ी के लिए है।
आज लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनके जय जवान और जय किसान के नारे में जय अनुसंसाधन जोड़ते हुए कहा कि भारत के विकास में किसान और जवानों के पराक्रम और मेहनत के साथ अनु संसाधन कर्ताओं का भी बड़ा योगदान है। उन्होंने कोरोना काल में किए गए वैक्सीन के अनुसंसाधन का उदाहरण देते हुए कहा कि इतने कम समय में वैज्ञानिकों ने इसका अनुसंधान कर एक मिसाल पेश की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून किसानों के हित में है लेकिन विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा इन्हें लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। इनके नेता मोदी की सफलता से डरकर इस तरह का भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसान नेताओं के साथ बातचीत के लिए तैयार है लेकिन वह न तो वार्ता को तैयार हैं और न आंदोलन खत्म करने को। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को जनशक्ति नहीं चाहिए उन्हें राजशक्ति चाहिए। किसान आंदोलन की आड़ में इन नेताओं द्वारा सियासी धोखाधड़ी की जा रही है उन्हें जनता को शक्तिशाली बनाने से कोई सरोकार नहीं है वह इसके सहारे राज शक्ति हासिल करना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि बीते 10 महीनों से भी अधिक समय से 3 कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन चल रहा है। सरकारी स्तर पर अब तक 13 दौर की वार्ता किसान नेताओं से हो चुकी है तथा इसका कोई समाधान नहीं निकल सका है। किसान नेताओं को इन कानूनों को रद्द करने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। जबकि सरकार इन्हें वापस न लेने पर अड़ी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी जो इस मुद्दे पर अब तक मौन साधे हुए थे आज पहली बार खुलकर बोले और कहा कि सरकार किसानों की हर समस्या को लेकर बातचीत को तैयार है और हम किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास कर रहे हैं उनका कहना है कि विपक्ष के लिए सत्ता प्राथमिकता है जबकि हमारे लिए राष्ट्रीय हित ही सर्वाेपरि है।

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