केदार—बद्री के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु, गंगोत्री यमुनोत्री धाम में भी लौटी रौनक

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देहरादून। कोविड—19 के अब तक ठप चारधाम यात्रा आज से फिर शुरू हो गई है। यात्रा शुरू होने के बाद चारों धामों में श्रद्धालु भले ही कम संख्या में पहुंचे हों लेकिन सभी का उत्साह देखते ही बन रहा था।
आज बाबा केदार दर पर दोपहर तक लगभग 350 तीर्थयात्री बाबा के दर्शनों के लिए पहुंच चुके थे। वहीं यात्रा खुलने से केदारघाटी के लोगों में खासा उत्साह नजर आया। हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्धकराने के लिए सिक्स सिग्मा की टीम ने भी केदार घाटी मोर्चा संभाल लिया है। यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों की चहल—कदमी से वीरान पड़े बाजाराें में रौनक लौट आई हैं। यात्रा शुरू होने से घोड़ा—खच्चर मजदूर, वाहन चालक, ढाबा, होटल, लॉज व्यापारियों में खुशी देखी जा रही है।
वहीं दूसरी ओर भू बैकुंठ बद्रीनाथ धाम में प्रशासन तथा देवस्थानम बोर्ड द्वारा व्यवस्था दुरूस्त की गई है। दोपहर तक लगभग 200 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम में भगवान बदरीनारायण के दर्शन कर चुके थे।
वहीं उत्तरकाशी जनपद स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी आज चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया। इन धामों में भी हाईकोर्ट द्वारा प्रतिदिन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की गई है। हालांकि चारधाम यात्रा के लिए अब मात्र डेढ़ माह का समय बचा है लेकिन यात्रा से जुड़े व्यवसायियों और तीर्थ पुरोहितों को उम्मीद है कि यात्रा खुलने के बाद कुछ सीमा तक आजीविका में सुधार हो पायेगा।
सरकार की गाइडलाइन के अनुसार गंगोत्री धाम में एक दिन में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री दर्शन कर सकते हैं। चारधाम यात्रा के खुलने से पूर्व एसडीएम भटवाड़ी ने भी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गंगोत्री मंदिर समिति के सहसचिव राजेश सेमवाल का कहना है कि गंगोत्री धाम में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं दुरQस्त हैं।


हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं ने टेका मत्था
चमोली। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के साथ ही पांचवें धाम हेमकुंड साहिब के कपाट तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिये गए हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं ने श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चरणों में अरदास की है कि दरबार में पहुंच रही संगतों की मनोकामना वह पूरी करें और उनकी यात्रा सफल हो।
बता दें कि राज्य सरकार ने कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रतिदिन हेमकुंड में 1000 श्रद्धालुओं को ही दर्शन करने की अनुमति दी है। हेमकुंड प्रबंधन ने अभी यात्रा समाप्ति की तिथि की घोषणा नहीं की है। उनका कहना है कि मौसम को देखते हुए आगे इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा। हेमकुंड मैनेजमेंट का कहना है कि यात्रा पर आने वाले यात्री ऋषिकेश गुरुद्वारा में ट्रस्ट कार्यालय में पंजीकरण कराकर और पास लेकर ही प्रस्थान करें। गुरु गोविंद सिंह जी की तपस्थली होने के कारण सिख धर्म की हेमकुंड साहिब के प्रति अगाध श्रद्धा है।

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