देहरादून। क्या आप किसी सरकारी दफ्तर में काम करते हैं अगर हां तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। आपको ठीक—ठाक कपड़े पहन कर ही ऑफिस जाना चाहिए। अगर सरकारी भाषा में कहो तो पूर्ण गणवेश वस्त्र पहन कर ही ऑफिस जाना चाहिए।
भले ही जिलाधिकारी चंपावत विनीत कुमार का यह आदेश कुछ कर्मचारियों को ऐसा लगता है कि यह उनकी आजादी का हनन है या तालिबानी फरमान। लेकिन सच कहा जाए तो हर कार्यालय का अपना एक डेकोरम होता है और होना भी चाहिए। क्योंकि जब आप सरकारी ड्यूटी पर होते हैं तो आम आदमी नहीं होते हैं। आप भले ही अपनी ड्यूटी के बाद अपने घर में और बाजार में किसी भी तरह के वस्त्र पहन कर रहे आपको किसने रोका है। लेकिन जहां तक किसी सरकारी दफ्तर की बात है वहां एक ड्रेस कोड चाहे वह हो या ना हो तथा एक डेकोरम जरूरी है जो आपके अनुशासित होने का प्रतीक और परिचायक होता है।
कुछ सरकारी कर्मचारी अपनी नेतागिरी और अधिकारियों से पंगा लेने की अपनी आदत के तहत सही बातें और नियम कानूनों को भी मानने को तैयार नहीं होते और उन्हें विवाद का मुद्दा बना देते हैं। डीएम चंपावत ने इस बारे में एक बार नोटिस जारी कर कर्मचारियों से दफ्तर में जींस और टीशर्ट पहनकर न आने का आदेश जारी किया गया लेकिन कुछ कर्मचारियों को यह नागवार गुजरा। ऐसे में जिलाधिकारी विनीत कुमार को फिर से एक रिमाइंडर जारी करना पड़ा। जिसे यह कर्मचारी डीएम का तालिबानी आदेश मान रहे हैं। अरे भाई आप सेना या पुलिस में होते तो क्या बिना वर्दी के नौकरी कर लेते। जो ठीक है कम से कम उसे मानने में कौन सी तुम्हारी नाक कट जाएगी।