ट्रैफिक जाम का नया हॉटस्पाट बना जाखन

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देहरादून। जाखन चौराहा जाम का नया हॉटस्पाट बन गया है जहां आये दिन जाम की स्थिति बनी रहती है और एक होमगार्ड को इसकी डयूटी में लगाया जाता है जोकि काफी नहीं होता और शासन प्रशासन के अधिकारियों का वहां से अक्सर आना जाना रहता है लेकिन उनको यह दिखायी नहीं देता यह अपने आपमें चिन्ता का विषय है।
शहर में जाम का आलम किसी से छुपा हुआ नहीं है और अब तो शायद यहां के निवासियों को इसकी आदत सी पड गयी है। लेकिन शहर का सबसे शांत इलाका कहे जाने वाला जाखन, जोहडी गांव राजपुर जैसा इलाका भी अब इससे अछूता नहीं रह गया है। शहर से भी अधिक जाम वर्तमान में वहां के लोगों को झेलना पडता है। जाखन चौक से जोहडी गांव सहित लगभग पचास गांव इस रोड से जुडे हुए हैं तथा वहां के बाशिदों का शहर में आने जाने का मार्ग वही है। लेकिन अब वह मार्ग ही उनके लिए सिरदर्द बन गया है। यह काम प्रदेश की सरकार के सलाहकारों की देन है। जाखन गांव, जोहडी, दून विहार कालोनी सहित अनेकों कालोनियां जाखन गांव के आसपास बस गयी हैं। पहले यहां की स्थिति ऐसी नहीं थी लेकिन जब से सरकार को चलाने वाले अधिकारियों ने यहां पर रोड प्लान बनाया तो वह यहां के लोगों के लिए सिरदर्द बन गया। डायवर्जन से जाखन चौक तक कोई भी कट नहीं है कि कोई उस कट का इस्तेमाल करे और वाहनों का दबाव जाखन चौक पर कम हो। जबकि शासन प्रशासन के अधिकारी लगभग प्रत्येक दिन वहां से गुजरते है यही नहीं मुख्य सचिव का आवास भी इसी रूट पर है क्या यह जाम उनको दिखायी नहीं देता। आईपीएस कालोनी के अधिकारियों का भी यहां से आना जाना होता है लेकिन यहां का जाम किसी को कैसे दिखायी नहीं देता यह अपने आपमें सोचनीय विषय है। जोहडी गांव हो या फिर वहां से जुडे अन्य गांव के निवासियों को अगर वहां से गुुजरना होता है तो सबसे पहले उनको जाम का सामना करना पडता है। आलम यह है कि पुलिस अधिकारियों ने इस जाम की रखवाली के लिए मात्र एक होमगार्ड को लगाया हुआ है। अगर कभी गलती से जाखन चौकी से पुलिस को लगा भी दिया जाता है तो उसके आकर्षण का केन्द्र बगैर हैल्मेट पहने दुपहिया वाहन चालक होते हैं और वह उनको पकडकर उनका चालान करने में लग जाते है। जबकि उस मार्ग पर पुलिस संचार कार्यालय भी पडता है तो मुख्य सचिव का आवास भी उसी मार्ग पर है। पूर्व में आईपीएस कालोनी की तरफ जाने वाले मार्ग पर एक कट था जहां से वाहनों का आना जाना रहता था लेकिन वह कट किसको सता रहा था इसका किसी को पता नही। जिसके बाद उस कट को बंद कर दिया गया जिसके बाद सारा दबाव एक मात्र जाखन चौक पर पडने लगा। जबकि वहां पर बच्चों का एक स्कूल (स्कालर्स होम) भी पडता है और छुट्टी के समय स्कूली बच्चों को भी काफी परेशानी का सामना करना पडता है और इस नये जाम के हॉटस्पाट से कैसे निपटा जाये इसके बारे में शायद ही किसी अधिकारी के जहन में कोई प्लान आया हो ऐसा कुछ दिखायी नहीं देता। शायद यह जाम भी शहरवासियों की तरह वहां पर रहने वालों किस्मत में लिखा जा चुका है।

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