शासन—प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन
गरीबों के पेट पर लात मारने का आरोप
संचालन की परमिशन न मिलने पर है नाराज
रूद्रप्रयाग। चार धाम यात्रा में सभी को घोड़ा खच्चर संचालन की अनुमति न मिलने से नाराज हजारों घोड़ा खच्चर संचालकों ने आज सोनप्रयाग में केदारनाथ हाईवे जाम कर दिया और सरकार तथा प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। घोड़ा खच्चरो के संचालकों के इस प्रदर्शन के कारण केदारनाथ तथा यमुनोत्री जाने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि इस साल शासन प्रशासन द्वारा सिर्फ उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली तीन जिलों के घोड़ा खच्चर संचालकों को ही संचालन की अनुमति दी गई है। प्रशासन का पहले फैसला आया था कि सिर्फ रूद्रप्रयाग के ही घोड़ा संचालकों को यात्रा में काम करने की अनुमति दी जाएगी लेकिन हर साल घोड़ा खच्चरो का संचालन करने वाले चमोली और उत्तरकाशी के संचालकों ने इसका विरोध किया तो बाद में चमोली और उत्तरकाशी के लिए भी रजिस्ट्रेशन खोल दिए गए। लेकिन इस यात्रा में पूर्व समय से राज्य के तमाम पहाड़ी जनपदों के घोड़ा खच्चर संचालक अपनी रोजी—रोटी कमाते आए हैं। उन्हें इस बार प्रतिबंधित किए जाने को लेकर उनमें भारी आक्रोश है। बीते 1 सप्ताह से यह दूसरे अन्य जनपदों से अपने घोड़े खच्चर लेकर आए हुए हैं और संचालन की अनुमति न मिले पर उन्हें निराश होकर घर लौटना पड़ रहा है।
आज इन घोड़ा खच्चर संचालकों द्वारा सोनप्रयाग में हाईवे को जाम कर दिया गया। हजारों की संख्या में लोग अपने घोड़े खच्चरों के साथ सड़क पर बैठ गए और सरकार तथा प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। इनका आरोप है कि उनके अपने ही राज्य में अगर उन्हें कमाने खाने से रोका जा रहा है तो वह कहां जाएं? इनका कहना है कि चार धाम यात्रा के 6 माह की कमाई से उनका परिवार चलता है। उधर प्रशासन का कहना है कि अगर सभी को संचालन की अनुमति दे दी जाए तो केदारनाथ धाम और यमुनोत्री के पैदल मार्ग पर सिर्फ घोड़े खच्चर और उनके संचालक ही दिखाई देंगे। आम आदमी और यात्रियों के लिए पैदल चलने की भी जगह नहीं बचेगी। प्रशासन द्वारा इस बार 5000 के आसपास घोड़े खच्चरों को संचालन की अनुमति दी गई है जिसे प्रशासन आवश्यकता से भी अधिक मान रहा है। वहीं प्रशासन का कहना है कि सभी को अनुमति देने से अव्यवस्था फैल जाएगी। घोड़ा खच्चर संचालक संघ भी शासन—प्रशासन का विरोध कर रहा है तथा बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहा है।