देहरादून। उत्तरकाशी निवासी लक्ष्मण सिंह का कहना है कि पुलिस ने उसके बेटे केदार को किस जुर्म में गिरफ्तार किया था उस एफआईआर की कॉपी उसको क्यों नहीं दी गयी। उसके पुत्र के साथ पुलिस ने क्या किया इसका उसको पता नहीं चल पा रहा है।
आज यहां प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते समय ग्राम चौडियाट तहसील डुण्डा जनपद उत्तरकाशी निवासी लक्ष्मण सिंह ने कहा कि उसका पुत्र 18 अगस्त को घर से कोटद्वार सेना में भर्ती होने के लिए निकला था। जोकि उसी दिन कोटद्वार से अपने मित्रों के साथ लक्ष्मण झूला स्थित एक होटल में ठहरा था। उसने कहा कि उसके बेटे ने उसको फोन कर बताया था कि वह दोस्तों के साथ घुमने आया है तथा ठीक है। उसी दिन रात्रि में उसके बडे बेटे गम्भीर सिंह को लक्ष्मण झूला थाने से फोन आया कि उसके भाई केदार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद उसका बेटा गम्भीर सिंह लक्ष्मण झूला थाने पहुंचा तो उसको बताया गया कि उन्होंने केदार सिंह नामक किसी युवक को गिरफ्तार नहीं किया। जिसके बाद गम्भीर सिंह ने उसको फोन पर बताया तभी उसके पास लक्ष्मण झूला थाना प्रभारी संतोष सिंह कुंवर का फोन आया और उसने उसको बताया कि उसका बेटा केदार सिंह गंगा में कूद गया है जिसकी तलाश की जा रही है। लक्ष्मण सिंह ने बताया कि जिसके बाद वह ग्राम प्रधान मुलायम सिंह चौहान के साथ लक्ष्मण झूला थाने पर गया लेकिन पुलिस ने उसको कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया कि उसके बेटे को पुलिस ने किस जुर्म में गिरफ्तार किया था। उसके साथ आये उसके दोस्त भी पुलिस के डर से उसको कुछ नहीं बता पा रहे हैं। जिसके बाद उसने लक्ष्मण झूला थाने में तहरीर देने का भी प्रयास किया लेकिन उसकी तहरीर भी नहीं ली गयीं। जिसके बाद उसने 29 अगस्त को डाक से अपना प्रार्थना पत्र प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड व पुलिस के उच्चाधिकारियों को भेजा। लक्ष्मण सिंह का आरोप है कि पुलिस ने उसके पुत्र को हिरासत में यातनाएं दी तथा उसको गायब कर दिया। उसने कहा कि उसके पुत्र का पार्थिव शरीर भी उसको नहीं दिया गया है। उसने कहा कि उसको व उसके बेटे केदार को इंसाफ नहीं मिल रहा है और वह दरदर भटक रहा है। लक्ष्मण सिंह का साफ आरोप है कि अगर पुलिस ने उसके बेटे को किसी जुर्म में गिरफ्तार किया उसकी एफआईआर की काफी उसको भी उपलब्ध करायी जाये। पुलिस की कहानी कि उसका बेटा गंगा में कूद गया पूरी तरह से झूठी है। प्रेस वार्ता में अधिवक्ता पंकज क्षेत्री व सामाजिक कार्यकर्ता सुजाता भी मौजूद थे।