राष्ट्रीय खेलों में रचा इतिहास

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उत्तराखण्ड में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलोें का समापन आज हल्द्वानी में भव्य और दिव्य समारोह के साथ हो रहा है। हो भी क्यों न? उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने का जब यह पहला मौका मिला तो उसने इन खेलों के सफल आयोजन के लिए भरपूर कोशिशें जो की थी उससे भी अधिक उत्साह तथा जोश के साथ राज्य के खिलाड़ियों ने अपने उत्कर्ष प्रदर्शन में कोई कोर कसर उठाकर नहीं रखी। 28 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अत्यन्त ही भव्य कार्यक्रम के दौरान इन खेला का जब राजधानी दून के महाराणा प्रताप स्टेडियम में शुभारम्भ किया गया था उस समय किसी ने भी नहीं सोचा था कि राज्य के खिलाड़ी इस राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता मेंं इतना अच्छा प्रदर्शन कर सकेगे। 37वें राष्ट्रीय खेलों में जो गोवा में आयोजित हुए थे उसमे उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 24 पदक जीते थे और पदकों की तालिका में उसका 27वां स्थान रहा था। लेकिन 38वें राष्ट्रीय खेलाेंं में राज्य के खिलाड़ियोे ने न सिर्फ पदकों की झड़ी लगाते हुए पदको का सैकड़ा जड़ दिया अपितु अपने पदकों की वरीयता सूची में लम्बी छंलाग लगाते हुए वह 27 वें स्थान से 7वें स्थान पर पहुंच गया। और उसके खिलाड़ियों ने अपने उत्कर्ष प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया। यही नहीं उत्तराखण्ड ने कई बड़े राज्यों को भी पछाड़ दिया। इतने बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद किसी को भी मान ही थी। कि वह 24 स्वर्ण पदक तथा 35 रजत और 43 कांस्य पदकों के साथ 102 पदक भी जीत सकता है। लेकिन अपने करिश्माई प्रदर्शन से राज्य की खेल प्रतिभाओं ने पूरे देश को यह दिखा दिया कि वह किसी से भी पीछे नहीं है। इन खेल प्रतिभाओ की दूसरी बड़ी उपलब्धि यह रही कि उत्तराखण्ड शासन—प्रशासन इन सभी प्रतियोगिताओं को सुचारू और सुरक्षित रूप से सम्पन्न करा सका। इस छोटे राज्य में खेल सुविधाओं और अच्छे खेल मैदानों का अभाव रहा है। क्योंकि वह पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा इस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया। इन राष्ट्रीय खेलो से पूर्व वर्तमान सरकार को इस पर भारी खर्च तो करना पड़ा साथ—साथ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। लेकिन वह सभी प्रतियोगिताओं को राज्य के मैदानों पर ही सम्पन्न करा सका। यह एक बड़ी सफलता है जिसके लिए वर्तमान सरकार साधुवाद की पात्र है। राज्य में इन खेलों के लिए जो स्प्रQास्टेक्टर में सुधार कार्य किये गये है वह खेलो को राज्य में बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इसमें कोई संदेह नही है। मुख्यमंत्री धामी के शासन काल की यह एक बड़ी उपलब्धियों में शुमार होगी। राज्य के खिलाड़ियों का उत्साह इस खेल प्रतियोगिता और खिलाडियों के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण सातवें आसमान पर है। जिससे यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में राज्य की यह खेल प्रतिभाएं और बेहतर प्रदर्शन करेगी तथा अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली खेल प्रतियोगिताओं और ओलम्पिक खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन कर राज्य का नाम रोशन करेगें।

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