बात चाहे बजट की हो या फिर यूसीसी की भाजपा का पूरा फोकस युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित है। कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने बजट सत्रीय अभी भाषण में जो कुछ कहा इसका निष्कर्ष भी यही था और उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अपनी सर्वाेच्च प्राथमिकताएं गिनवाते हुए यूसीसी को लागू करने की जो बात कही है उसका भी अर्थ यही है। केंद्र की भाजपा सरकार जो अब अपने कार्यकाल के 10 साल पूरे करने जा रही है। परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की बात कह रही है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कल अपने अभीभाषण में जिस तरह के सख्त कानून की बात कही है उसमें 10 साल की सजा और एक करोड़ तक के जुर्माने की व्यवस्था की बात है। सवाल यह है कि भाजपा की केंद्र सरकार ने अपने कार्यकाल के 10 सालों में ऐसा सख्त कानून क्यों नहीं लाया गया? अब 2024 का चुनाव आते ही उसे परीक्षा में नकल रोकने के लिए कानून की बात क्यों याद आ रही है? भर्ती परीक्षाओं में होने वाली धांधली और भर्ती परीक्षाओं को रद्द होने का तमाशा सरकार खामोशी से क्यों देखती रही? 2 करोड़ हर साल युवाओं को रोजगार देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार को इन युवाओं के भविष्य का कभी ख्याल नहीं आया क्यों बीजेपी के नेता इन युवाओं को पकौड़ी तलने और चाय बेचने को भी रोजगार बताकर उनके जख्मों पर नमक छिड़कते रहे। बीते एक साल से देश भर में जो रोजगार मेले लगाकर प्रधानमंत्री मोदी और उनके मुख्यमंत्री जो नियुक्ति पत्र बांटने का काम कर रहे हैं उसकी जरूरत क्यों पड़ी? यह सभी सवाल उन युवाओं के मन को जरूर मथ रहे हैं जो नौकरी के इंतजार में आयु सीमा पार कर चुके हैं। जिस यूसीसी को प्रदेश और देश भर में अब आनन—फानन में लाने की पुरजोर कोशिशे की जा रही है उसका मसौदा अभी भले ही सार्वजनिक न हुआ हो लेकिन इसका जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है उसमें सर्वाेच्च प्राथमिकता पर अगर किसी मुद्दे को रखा गया है तो वह महिलाओं के सशक्तिकरण का ही है। इस बात को बीते कल अपना कार्यभार संभालने वाली राज्य की पहली महिला मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी कही है कि उनकी सर्वाेच्च प्राथमिकता यूसीसी को लागू कराना है। जिससे कि महिलाओं का सशक्तिकरण हो सके। अभी देश के नये संसद भवन की नई इमारत में केंद्र सरकार द्वारा अपना बिल महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण पर ही लाया गया था। यह बात अलग है कि अभी इसे लागू होने में कितने वर्ष लगेंगे लेकिन भाजपा द्वारा महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण सरकार की उपलब्धियां में तीन तलाक की तरह ही शामिल हो गया है। यूसीसी में बहुत कुछ ऐसा होगा जो महिलाओं को बराबरी के अधिकार देने वाला होगा भाजपा को पता है कि जिसे आधी आबादी कहा जाता है उन महिलाओं और युवाओं की ताकत क्या है यही कारण है कि 2024 से पहले अब देश में राम मंदिर के बाद अगर किसी की चर्चा हो रही है तो वह महिलाएं और देश के युवा ही हैं।