कोरोनाः भविष्य का बड़ा खतरा

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चीन सहित विश्व के तमाम देशों में जिस तरह से कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं उससे अन्य देशों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। बीते कल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्पष्ट शब्दों में यह कहा गया है कि देश के लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है व पूरे देश की स्वास्थ्य सेवाओं को परखने के लिए अगर सरकार ने आगामी समय में मॉक ड्रिल का फार्मूला तैयार किया है तो वह भी बेवजह की तैयारी नहीं है। जो लोग बार—बार यह पूछ रहे हैं या इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या कोरोना की चौथी लहर भी आ सकती है उन्हें इस बात को समझ लेना चाहिए कि कोरोना से आज भी विश्व में हर रोज 1000 से अधिक मौतें हो रही है। 2020 मार्च में आई कोविड—19 कि यह महामारी एक ऐसी महामारी है जिसके टाइम पीरियड के बारे में कोई भी दावा नहीं किया जा सकता है। इस बीमारी के आने के बाद से लेकर अब तक एक भी दिन ऐसा नहीं रहा है जब 1000 से कम मौतें हुई हूं। स्पेनियस फ्लू का भी 2 साल में अंत हो गया था लेकिन कोविड—19 तीन साल बाद भी कितना गंभीर बना हुआ है इसे चीन के वर्तमान हालात से समझा जा सकता है। भले ही कोरोना की दूसरी लहर सबसे घातक रही हो जिसमें ढाई करोड़ के आसपास लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी वैसी स्थिति शायद अब विश्व के देशों को दोबारा न देखनी पड़े। लेकिन एक बात निश्चित है कि कोरोना कभी भी विकराल रूप ले सकता है। क्योंकि इस कोविड—19 के नए—नए वैरीयंट सामने आ रहे हैं यह ऐसे वैरीयंट है जो अब तक वैज्ञानिकों को मिले सभी वैरीयंट से अधिक घातक है। वर्तमान में जिस वी एफ 7 वैरीयंट की बात की जा रही है वह चीन में तबाही का सबब बना हुआ है तथा अब तक यह भारत सहित एक दर्जन से अधिक देशों में पहुंच चुका है। अब वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि कोविड—19 के कितने वैरीयंट हो सकते हैं। दरअसल यह अब तक की तमाम महामारिओं से अलग तरह की बीमारी है जिसके स्रोत तक का पता अभी तक वैज्ञानिक नहीं ढूंढ सके हैं। इसके लिए अभी तक बने टीकों से सिर्फ मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को ही बढ़ाया जा सकता है इसके संक्रमण को रोकने की क्षमता अभी तक किसी भी टीके में नहीं है। जिन लोगों को वैक्सीन कवर मिल चुका है उनको अब कोरोना नहीं होगा की गारंटी कोई टीका नहीं देता है उन पर संक्रमण कम प्रभावशाली होगा बस यही कहा जा सकता है खतरा इसलिए भी बड़ा है क्योंकि अभी बड़ी आबादी ऐसी है जिसका वैक्सीनेशन नहीं हुआ। एक अन्य बात जो इस महामारी को लेकर परेशान करने वाली है वह है इसके साइड इफेक्ट्स। जिन लोगों को कोरोना हुआ और वह ठीक भी हो गए लेकिन वह आज भी पूरी तरह ठीक नहीं है उनमें स्वास्थ संबंधी कई तरह की समस्याएं अभी भी बनी हुई है यहां तक कि उनके हार्ड अटैक का भी खतरा बना हुआ है। आने वाले एक—दो महीने का समय कोरोना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है जिसमें इसके खतरे की गंभीरता और भविष्य की संभावना से जुड़े कई सवालों का जवाब मिल सकता है।

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