शुक्रवार देर रात से शुरू हुई बारिश प्रदेश में आफत की बरसात बनकर गुजरी। भारी बारिश के चलते जहंा संचार सेवाए ठप होने के साथ ही कई पुल भी ध्वस्त हो गये वहीं प्रदेश की 257 सड़कें अभी भी बंद बतायी जा रही है। इस बरसात व बादल फटने के कारण अकेले टिहरी में ही लगभग 300 परिवार प्रभावित हुए है। वहीं राजधानी दून की बात करें तो यहंा आपदा के 36 घंटे बीत जाने के बाद भी मलबे में दबे 13 लोगों का सुराग नहीं लग पाया है साथ ही स्थानीय लोगों के घर मकान गिरने के साथ ही उनके मवेशी भी गुम हो गये है। हालांकि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में अब एनडीआरएफ,एसडीआरएफ व स्थानीय पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। लेकिन इस सबके बावजूद आपदाग्रस्त परिवारों को अभी तक कोई राहत नहीं मिल सकी है। लोग घंटो बाद भी अब तक डरे सहमें हुए से है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जाने वाली सड़कें टूट चुकी है जिससे वहंा राहत सामग्री पहुंचाना भी आसान काम नहीं है। भारी बरसात व बादल फटने के कारण आपदाग्रस्त क्षेत्रोें मे जहंा बिजली संकट बना हुआ है वहीं पेयजल लाइनों के टूट जाने के कारण भी पीने का पानी मुहैया कराना जिला प्रशासन के लिए आसान काम नहीं रहा है। जो यह साबित करता है कि अभी भी हमारे आपदा प्रबन्धन विभाग में कई खामियां है। भारी बारिश का सबसे ज्यादा असर सड़कों व पुलो पर पड़ा है जिनसे आपदा प्रभावितों को ठीक मदद नहीं मिल पा रही है। ऐसे में राज्य सरकार को सोचने की जरूरत है कि कैसे जल्द आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंच कर लोगों को मदद पहुंचायी जाये ताकि उनके जख्मों में कुछ मरहम लगाया जा सके।