नई दिल्ली। सूडान के दारफुर क्षेत्र में एक अस्पताल पर ड्रोन से हुए हमले में कम से कम 70 लोगों की मौत हो गई है। यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने रविवार को दी। उन्होंने बताया कि यह हमला अल फशर शहर के एकमात्र सुचारू रूप से काम कर रहे अस्पताल को निशाना बनाकर किया गया। अस्पताल पर हुए इस हमले का आरोप विद्रोही रैपिड सपोर्ट फोर्सेज पर लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के प्रयासों और जनरल अब्देल-फतह बुरहान के खिलाफ प्रतिबंधों के बावजूद, लड़ाई जारी है। हाल ही में सूडानी सेना और जनरल बुरहान के नेतृत्व वाली सेनाओं के खिलाफ आरएसएफ को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एक्स पर हमले के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, ‘सूडान के अल फशर में सऊदी अस्पताल पर हुए भीषण हमले में मरीज़ों और उनके साथियों समेत 19 लोग घायल हो गए और 70 की मौत हो गई।’ उस समय अस्पताल में इलाज करा रहे मरीज़ों की भीड़ थी। उन्होंने कहा कि सूडान के लोगों को शांति की जरूरत है, जो सबसे अच्छी दवा है। वहीं, स्थानीय अधिकारियों ने इस हमले के लिए आरएसएफ को दोषी ठहराया है, हालांकि उन्होंने अभी तक इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। सूडान में सक्रिय संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने बताया कि पिछले गुरुवार को आरएसएफ ने सूडानी सशस्त्र बलों से जुड़े बलों को शहर खाली करने के लिए कहा था। साथ ही, 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था और हमले की धमकी दी थी। मई 2024 से अल फाशर RSF की घेराबंदी में है। अल फाशर में नागरिक लगातार हिंसा और घोर मानवाधिकारों के हनन का सामना कर रहे हैं। इस संघर्ष के दौरान नागरिक हिंसा और गंभीर मानवाधिकार हनन का सामना कर रहे हैं।





