देहरादून। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मथुरा—वृंदावन सहित सभी धार्मिक महत्व के शहरों में शराब व मांस की बिक्री पर रोक लगाए जाने के बाद उत्तराखंड की सरकार भी ऐसा कोई कदम उठाने जा रही है यह सवाल इसलिए अहम है क्योंकि अब तक उत्तराखंड की सरकार यूपी के योगी सरकार का ही अनुसरण करती रही है।
उत्तराखंड में हालांकि ऋषिकेश और हरिद्वार में शराब व मांस की बिक्री पर पहले से ही रोक लगी हुई है तथा वह ड्राई एरिया में आते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या अब यह पाबंदिया पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी? क्योंकि उत्तराखंड तो समूचा प्रदेश ही देव भूमि कहा जाता है। तथा राज्य के लगभग सभी शहरों और कस्बों में कोई प्रसिद्ध व प्राचीन मठ या मंदिर है। अभी उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित किए गए देवस्थानम बोर्ड में सिर्फ चारधाम ही नहीं अपितु 100 से अधिक अन्य मंदिरों को भी इसमें शामिल किया गया था। ऐसे में यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी आने वाले दिनों में राज्य में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का साहस दिखाएंगे।
हालांकि उत्तराखंड में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध मुश्किल ही नहीं असंभव लगता है क्योंकि ऋषिकेश व हरिद्वार में पाबंदी के बाद भी शराब की गंगा कैसे बहती है यह सभी जानते हैं। यूपी की तरह उत्तराखंड में भी धार्मिक स्थलों के 100 मीटर की दूरी तक शराब व मांस की बिक्री पर प्रतिबंध है। लेकिन यूपी की योगी सरकार ने अब धार्मिक महत्व के स्थल वाले शहरों में शराब व मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। योगी ने शराब व्यवसाय करने वालों को दूध बेचने का काम करने की सलाह दी है। योगी ने कल यह घोषणा श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर वृंदावन में की थी।