जोशीमठ की तरह कांडा में भी दिखने लगी है दरारें

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अवैध खनन को बताया जा रहा है मुख्य वजह

बागेश्वर। जोशीमठ की तरह ही अब बागेश्वर के कांडा में भी भूमि में लम्बी लम्बी दरारें देखने को मिल रही हैं। अनियंत्रित अवैध खड़िया खनन इसकी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। जिला प्रशासन ने सर्वे रिपॉर्ट में खनन को कारण मानते हुए तत्काल प्रभाव से मशीनों को रोक दिया गया है।
बागेश्वर जिले की कांडा में प्रसिद्ध मां कालिका मंदिर के 500 मीटर के दायरे में लंबे समय से पोकलैंड और जे.सी.बी.मशीनों से खड़िया खनन हो रहा था। इसका दुष्परिणाम अब दरारों के रूप में सामने आया है। आदी शंकराचार्य द्वारा स्थापित कालिका मंदिर का एक हिस्सा, नींव पर दरार आने से झुकने लगा है। मां काली की मूर्ति भी लगभग दो इंच खिसक गई है। मामले का संज्ञान लेते हुए बागेश्वर जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने मंदिर पहुंचकर निरीक्षण किया और उप जिलाधिकारी से छोटी बड़ी मशीनों पर रोक लगाने को कहा है।
मामले में भू वैज्ञानिकों से परीक्षण कराने को कहा गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पहाड़ी के नीचे से खनन करने से ऊपर का हिस्सा बैठने लगा है। इसके फलस्वरूप मंदिर और आसपास दरारें दिखने लगी हैं और आने वाले वक्त में पहाड़ी में बड़े भूस्खलन और दरारें दिखेगी।

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