सीएम धामी ने की चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा

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समय से पूर्व सभी काम पूरे करने के निर्देश

बिना रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकेंगे यात्रा
जिलाधिकारियों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
बद्रीनाथ व केदारनाथ के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू

देहरादून। भले ही अभी चारधाम यात्रा को शुरू होने में 2 महीने का समय शेष सही लेकिन बीते वर्ष यात्रा के दौरान सामने आई अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में चली मैराथन बैठक में यात्रा की व्यवस्थाओं से जुड़े तमाम मुद्दों पर गहन चिंतन—मंथन किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ तैयारियों से जुड़े तमाम विषयों पर समीक्षा की और उन्होनें समय पूर्व सभी तैयारियां दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यात्रा की तैयारियों से जुड़े सभी कामों को यात्रा शुरू होने से पहले पूरा कर लिया जाए। उल्लेखनीय है कि चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू होने जा रही है जिसके लिए आज से बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आज सुबह 7 बजे से शुरू हो गई है। सरकार को उम्मीद है कि इस बीते वर्ष से भी अधिक संख्या में चारधाम यात्रियों के आने की संभावनाएं हैं। बीते साल रिकॉर्ड 40 लाख यात्री चारधाम यात्रा पर आये थे लेकिन ट्रांसपोर्ट और रजिस्ट्रेशन की समुचित व्यवस्था न हो पाने तथा केदारधाम में क्षमता से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने से भारी अफरातफरी का माहौल देखा गया था। यात्रियों को हरिद्वार और ऋषिकेश में रजिस्ट्रेशन के लिए तथा परिवहन सुविधा न मिलने पर भारी दिक्कतें हुई थी तथा कई—कई दिन इंतजार करना पड़ा था। वही केदारधाम में यात्रियों की क्षमता से अधिक दबाव रहने के कारण उन्हें रास्ते में रोकना पड़ा था तथा जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं था उन्हें बिना दर्शन किए वापस लौटना पड़ा था। बीते साल जैसी स्थिति इस साल पैदा न हो इसे लेकर अभी से सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सड़कों की स्थिति, पथ प्रकाश और यात्रा पड़ावों पर यात्री सुविधा की उपलब्धता को कैसे दुरुस्त किया जाए? पार्किंग की व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे बेहतर बनाया जाए तथा धामों में एक दिन में निश्चित संख्या में ही यात्रियों के धाम पहुंचने की व्यवस्था कैसे बनाई जाए जिससे यात्रा पर आने वाले लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो, तमाम मुद्दों पर आज की समीक्षा बैठक में विस्तार से विचार—विमर्श किया गया।
इस साल यात्रा पर आने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। जिसका पूरा डाटा तैयार किया जाएगा। हर यात्री की पहचान और पूरा यात्रा व्यौरा रखा जाएगा। उधर जोशीमठ में भू धंसाव के कारण बद्रीनाथ हाईवे के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति और उसकी वैकल्पिक व्यवस्था बनाने पर विचार किया गया। क्योंकि बद्रीनाथ धाम में ही सर्वाधिक यात्री जाते हैं। आज की बैठक में काबीना मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, सतपाल महाराज, चंदन राम दास के अलावा चारधाम जिलों के अधिकारी तथा अन्य तमाम विभागों के अधिकारी व क्षेत्रीय विधायकों के अलावा बद्री—केदार समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय सहित तमाम लोग मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल तथा केदार धाम के कपाट 25 अप्रैल व बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे।

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