सड़कों पर बच्चों व सामान के साथ भटकते रहे यात्री
देहरादून। दस साल पुराने ऑटो—विक्रम को सड़कों से हटाने और ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटरों के खिलाफ आज प्रदेश भर के ट्रांसपोर्टर आंदोलनरत रहे तथा उन्होंने अपने वाहनों को खड़ा कर दिया है। राजधानी दून और हरिद्वार सहित पूरे राज्य में ट्रांसपोर्टरों के विरोध प्रदर्शन के कारण सिटी बस, ऑटो, विक्रम और टैक्सियों का संचालन पूर्णतया ठप रहा। यहां तक की सड़कों पर ऑटो रिक्शा तक नहीं चले जिसके कारण घर से बाहर निकले यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
प्रदेश भर में लगभग 80 हजार से अधिक प्राइवेट निजी वाहनों के पहिए थम जाने से जगह—जगह सड़कों पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई और अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कोई भी वाहन उपलब्ध न होने पर लोगों को मीलो पैदल सफर करने पर विवश होना पड़ा। जिन लोगों को इस चक्का जाम के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी और जो लोग बाहर से उत्तराखंड आए हैं तथा जिनके साथ महिलाएं और बच्चे हैं तथा सामान भी है वह लोग खास तौर पर परेशान देखे गए क्योंकि सामान और बच्चों के साथ उनके लिए पैदल सफर भी संभव नहीं था।
उल्लेखनीय है कि बीते कल परिवहन मंत्री के आवास पर ट्रांसपोर्टरों के साथ हुई वार्ता के विफल रहने के बाद ट्रांसपोर्ट यूनियनों द्वारा चक्का जाम का ऐलान करते हुए विधानसभा का घेराव करने का निर्णय लिया गया। ट्रांसपोर्टरों के इस चक्का जाम के कारण देहरादून और हरिद्वार से लेकर पहाड़ के विभिन्न जिलों तक जाने वाली टैक्सी—मैैक्सी भी नहीं चल रही है वहीं महानगर शहरों में चलने वाले ऑटो तथा विक्रमों के अलावा सिटी बसें भी बंद है जिसके कारण आम आदमी को पहाड़ पर जाने वाला सफर ही नहीं शहर से शहर में होने वाला आवागमन भी प्रभावित हुआ है। इस विरोध प्रदर्शन में अधिकांश ट्रांसपोर्टर यूनियन शामिल है। रुड़की—हरिद्वार तथा अन्य तमाम जगहों से यूनियन के पदाधिकारी देहरादून में विधानसभा घेराव व प्रदर्शन के लिए आए हुए हैं।