जोशीमठ में ध्वस्तिकरण का काम तेज
बढ़ती दरारों से आपदा प्रभावित दहशत में
जोशीमठ। जोशीमठ आपदा की जद में आए भवनों के ध्वस्तिकरण का काम अब गति पकड़ने लगा है दो प्रमुख होटलों के डिस्मेंटल की कार्यवाही के बीच आज जोशीमठ स्थित पीडब्ल्यूडी के उस गेस्ट हाउस पर बुलडोजर चला कर धराशाई कर दिया गया जिसमें बीते शनिवार को दरारें आने के बाद खाली करा लिया गया था। इसके साथ ही आपदा से सर्वाधिक प्रभावित मनोहर वार्ड में भी आज से जर्जर भवनों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि अब तक आपदा प्रभावित आवासों की संख्या 850 के पार पहुंच चुकी है जिनमें से लगभग 250 घरों को खाली करा लिया गया है और इनमें रह रहे लगभग 900 लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। खास बात यह है की दरारों का दायरा और चौड़ाई लगातार बढ़ती जा रही है। प्रशासन द्वारा जिस संस्कृत महाविघालय परिसर को प्रभावितों के लिए राहत शिविर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था अब उसमें दरारें आने लगी हैं। जिसके कारण आपदा प्रभावित दहशत के साए में हैं।
जिला प्रशासन द्वारा 7 दिन पहले जिन दो होटलों के डिस्मेंटल का काम शुरू किया गया था वह आज भी जारी रहा तथा आज पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस पर भी बुलडोजर चला दिया गया जिसे जर्जर घोषित कर दिया गया था। भले ही आपदा प्रभावितों की आपत्तियों के बाद प्रशासन ने जर्जर आवासों को तोड़ने का काम रोक दिया था और किसी भी घर को नहीं तोड़ने की बात कही थी लेकिन आज प्रशासन द्वारा मनोहर वार्ड में जर्जर भवनों को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। मनोहर वार्ड के घरों को इस आपदा में सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है।
भले ही शासन द्वारा एक बार प्री फैब्रिकेटेड मकान बनाने से और आपदा प्रभावितों को देने का काम रोक दिया गया था लेकिन अब उघान विभाग की जमीन पर प्रभावितों को रखने के लिए प्री फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। जोशीमठ में ध्वस्तिकरण की जो कार्यवाही की जा रही है वह सीबीआरआई व एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की देखरेख में चल रही है।