रितु खंडूरी का स्पीकर बनना तय!
राज्य की पहली महिला स्पीकर होंगी रितु खंडूरी
महिला सशक्तिकरण के संदेश देने की कोशिश
देहरादून। दो बार लगातार राज्य में सत्ता में आने का इतिहास रचने और चुनाव हारने वाले पुष्कर सिंह धामी को ही फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाने का करिश्मा करने के बाद भाजपा एक और नया अध्याय सूबे की राजनीति में लिखने जा रही है और वह अध्याय है किसी महिला को पहली बार विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व सौंपा जाना। यह उपलब्धि पूर्व सीएम बीसी खंडूरी की बेटी रितु खंडूरी के हिस्से में दर्ज होने जा रही है। भाजपा यह फैसला ले चुकी है अब इसकी औपचारिकताएं पूरा किया जाना भर शेष है। जो आज उनके नामांकन पत्र भरने के साथ शुरू होगी।
रितु खंडूरी को यह महत्वपूर्ण जिम्मेवारी पार्टी ने उनके समर्पण भाव से सेवा और बड़ी जीत के लिए दी है। 2017 में यम्केश्वर से चुनाव जीतकर वह विधायक बनी लेकिन 2022 के चुनाव में पार्टी ने उनका विधानसभा क्षेत्र बदलकर यम्केश्वर से कोटद्वार कर दिया गया लेकिन रितु खंडूरी ने इसका विरोध करने की बजाय इसे नई चुनौती के रूप में लिया। इस चुनाव में खास बात यह थी कि इस सीट पर उनका मुकाबला एक ऐसे कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी से था जिन्होंने मुख्यमंत्री और उनके पिता बीसी खंडूरी को हराया था और भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया था। इस बार भी रितू खंडूरी ने 3000 से भी अधिक मतों से सुरेंद्र सिंह नेगी को शिकस्त दी। जिसने पार्टी हाईकमान को अत्यधिक प्रभावित किया। धामी के चुनाव हारने के बाद उनका नाम सीएम पद के दावेदारों में शामिल रहा। रितु खंडूरी को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने के बाद ही यह तय हो गया था कि उन्हें स्पीकर की कुर्सी सौंपी जाएगी।
आज और कल स्पीकर के लिए नामांकन होने हैं। लेकिन विपक्ष कांग्रेस की कमजोर स्थिति के कारण उसकी तरफ से किसी का नामांकन कराया जाए ऐसा नहीं लगता है। वहीं भाजपा में भी इस दौड़ में उनके साथ अन्य कोई नहीं दिखता है, या फिर पार्टी की मर्जी के खिलाफ कोई नहीं जा सकता है। इसलिए रितु खंडूरी का निर्विरोध स्पीकर चुना जाना लगभग सुनिश्चित है। अब महज इसकी संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी किया जाना ही शेष है। भाजपा के इस फैसले के पीछे महिला सशक्तिकरण का संदेश देना भी एक अहम कारण है क्योंकि इस बार भाजपा की इस बड़ी जीत का मुख्य आधार महिलाएं ही मानी जा रही है।