केदारघाटी में 10 दिन के अंदर तीसरी बार एवलांच

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वैज्ञानिकों ने बताया सामान्य घटना आम लोग अनहोनी के डर से सहमे

रूद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के ऊपर ऊंची पहाड़ियों में बार—बार सामने आ रही एवलांच की घटनाओं से हड़कंप मचा हुआ है। आज प्रातः एक बार फिर केदारधाम के ऊपर पहाड़ से जब लोगों ने बर्फ फिसलने के नजारे को देखा तो वह सहम गए। बीते 10 दिनों से केदारघाटी में यह एवलांच की तीसरी घटना है। बार—बार घटित हो रही इस एवलांच की घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं आम है। आम लोग जहां इन घटनाओं को आने वाले भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा मान रहे हैं वही भू वैज्ञानिकों द्वारा इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बीते 22 सितंबर और 27 सितंबर को भी केदारधाम के ऊपर ऊंची पहाड़ियों से बर्फ के पहाड़ को तेजी से गिरते और नीचे की ओर आते देखा गया था जिसका वीडियो भी सामने आया था। आज सुबह स्थानीय समय के अनुसार 6ः40 बजे एक बार फिर बर्फ के पहाड़ को गिरते हुए लोगों ने देखा तो वह इसे देखकर सहम गए। इसकी सूचना शासन—प्रशासन तक पहुंची तो इस पर चिंतन मंथन भी शुरू हो गया।
इस बाबत जब वाडिया इंस्टीट्यूट के भू—विज्ञानिक डी पी डोभाल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ऊंचाई वाले पहाड़ों पर इस तरह की घटनाएं आम बात है उनका कहना है कि 50 हजार से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आमतौर पर पहाड़ पर पड़ी बर्फ की परतें इस तरह से फिसलने लगती हैं। उनका कहना है कि केदारघाटी में जहां इस तरह के एवलांच की घटनाएं देखी जा रही हैं वह 23 हजार से अधिक ऊंचाई वाला क्षेत्र है। पहाड़ पर गिरने वाली बर्फ का फिसलना एक सामान्य प्रक्रिया है इसे लेकर अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है उनका कहना है कि फिर भी इसका पता लगाया जाएगा कि किन स्थिति व परिस्थितियों में ऐसी घटनाएं हो रही है। जहां तक इन घटनाओं के प्रभाव की बात है तो यह केदारनाथ मंदिर से 5 किलोमीटर की दूरी पर हुई है इसलिए धाम और यात्रियों के लिए कोई खतरा नहीं है।

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