एमवे ने 4000 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध आय अर्जित की : ईडी

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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मल्टी लेविल मार्केटिंग (एमएलएम) योजना चलाने वाली एमवे इंडिया पर अपराध की 4,000 करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने और इसका एक बड़ा हिस्सा विदेशी बैंक खातों में भेजने का आरोप लगाया। केंद्रीय एजेंसी ने हैदराबाद में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम अदालत के समक्ष एमवे इंडिया एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के बाद यह बात कही। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में कहा कि अदालत ने सोमवार को अभियोजन पक्ष की शिकायत पर संज्ञान लिया। तेलंगाना पुलिस ने एमवे और उसके निदेशकों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की थीं। ईडी की ओर से दर्ज किया गया धनशोधन का आपराधिक मामला इन्हीं प्राथमिकियों पर आधारित है।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि एमवे ने न केवल एक बहु-स्तरीय विपणन योजना संचालित की, बल्कि पैसा इधर से उधर घुमाने की योजना भी चलाई और अपने ग्राहकों से बड़ी रकम एकत्र की। ईडी ने कहा, धोखाधड़ी के अपराध को अंजाम देकर एमवे ने अपराध से कुल 4,050।21 करोड़ रुपये की कमाई अर्जित की। आरोप पत्र में कहा गया है कि सदस्यों से एकत्र की गई 2,859 करोड़ रुपये से अधिक की रकम लाभांश, रॉयल्टी और अन्य खर्चों के भुगतान के नाम पर विदेशी निवेशकों के बैंक खातों में भेजी गई। ईडी ने पिछले साल अप्रैल में इस मामले में 757 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की थी।
यह आरोप लगाया गया है कि कंपनी सामानों की बिक्री की आड़ में अवैध धन संचलन योजना को बढ़ावा दे रही है और नए सदस्यों का पंजीकरण कराने पर अधिक कमीशन/प्रोत्साहन का वादा करके और यह दावा करके आम लोगों को धोखा दे रही है कि ये कमीशन/प्रोत्साहन अनंत काल तक जारी रहेंगे। एमवे का कहना है कि उसने कानून के अनुसार काम किया है। एमवे के प्रवक्ता ने कहा, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर अभियोजन शिकायत 2011 की जांच से संबंधित है और हम तभी से विभाग के साथ सहयोग कर रहे हैं और हमने समय-समय पर मांगी गई सभी जानकारी साझा की हैं। प्रवक्ता ने कहा कि एमवे ने भारत में अपना कामकाज 25 साल पहले शुरू किया था, तब से वह कानून एवं निमयों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उसने कहा, हम अपने कानूनी अधिकारों का पालन करते हुए कानून की उचित प्रक्रिया का पालन कर भारतीय कानूनी और न्यायिक प्रणाली में अपने निरंतर विश्वास को दोहराना चाहते हैं।

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