नई दिल्ली। रडार के चकमा देने में माहिर, मिसाइलों से लैस… चीते की रफ़्तार और पहाड़ों समेत समुद्री इलाकों में भी कारगर हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर आज भारतीय वायुसेना में शामिल हो गया है। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा हुआ है, क्योंकि यह मल्टिपर्पज हेलिकॉप्टर कई तरह की मिसाइलों से लैस है। राजस्थान के जोधपुर एयरबेस पर तैनात हेलीकॉप्टर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने औपचारिक रूप से वायु सेना को सौंप दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में भारतीय वायु सेना में स्वदेशी रूप से विकसित पहले लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) के प्रेरण समारोह में एक ‘सर्व-धर्म’ प्रार्थना की गई। एलसीएच को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने विकसित किया है और इसे खास तौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है। 15 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स (एलसीएच) लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन की खरीद को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने इसी साल मार्च में मंजूरी दी थी, साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कुल 377 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे जिसमें से 5 एलसीएच भारतीय सेना में शामिल हो चुके हैं। एलसीएच का मुख्य काम है कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू यानी युद्ध के समय अपने सैनिकों को खोजकर उन्हें बचाना है। इसके साथ ही डिस्ट्रक्शन ऑफ एनेमी एयर डिफेंस। घुसपैठ को रोकना। ड्रोन, अनमैन्ड एरियल व्हीकल आदि को मार गिराना एलसीएच के मुख्य काम हैं। 100 फीसदी स्वदेशी हेलीकॉप्टर की चिघाड़ से दुश्मनों का कलेजा कांपने लगेगा। ये रडार को चकमा देने में माहिर है। एलसीएच पहाड़ों से लेकर समुद्री इलाकों में भी दुश्मनों के इलाकों को टारगेट करने की क्षमता रखता है। हल्का होने के चलते हथियारों के साथ टेकऑफ और लैंडिंग कर सकता है।