July 3, 2024अब तक 72 की शिनाख्त, पोस्टमार्टम की प्रक्रिया जारी योगी बोले दोषियों को छोड़ेंगे नहीं घटनास्थल से साक्ष्य की तलाश जारी पीड़ितों में आक्रोश, थम नहीं रहे हैं आंसूहाथरस। बीते कल जनपद हाथरस के गांव फुलरई में आयोजित बाबा नारायण सरकार हरी और भोले बाबा जैसे नामों से जाने जाने वाले प्रवचनकर्ता के सत्संग में भगदड़ के कारण भोले भाले 121 लोगों की मौत हो गई तथा 60—70 लोग घायल हों गये, जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है।मन और आत्मा को झकझोर देने वाली इस घटना के बाद हरकत में आए शासन—प्रशासन द्वारा अब बाबा की तलाश की जा रही है वही उसके कई चेले चपाटों को पुलिस हिरासत में लिया जा चुका है। आयोजको व बाबा सहित तमाम लोगों के खिलाफ अब तक सात एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। बाबा व उसके 17 गुर्गो के फोन बंद है। उधर सीएम ने दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन के निर्देश दिए हैं। हाथरस जिला प्रशासन आज घटनास्थल और आसपास के क्षेत्र से साक्ष्य व मृतकों का सामान तलाशने तथा मृतकों की शिनाख्त और पोस्टमार्टम की कार्रवाई में जुटा हुआ है अब तक 72 मृतकों की पहचान हो गई है। वही आगरा, हाथरस और एटा के अस्पतालों में मृतकों का पोस्टमार्टम चल रहा है जिसके लिए डॉक्टरों की अतिरिक्त टीमें भेजी गई है। कल योगी भी घटनास्थल व अस्पतालों का दौरा करने वाले हैं।उधर खबर यह भी है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की गई है। सवाल यह है कि इस आयोजन में सवा लाख लोगों को प्रशासन ने क्यों इकट्ठा होने दिया इसकी अनुमति किसने दी। दुर्घटना स्थल पर प्रशासन ने इंतजामों का जायजा क्यों नहीं लिया अस्पतालों में घायलों को इलाज क्यों नहीं मिल सका। जिस बाबा के द्वारा क्षेत्र में अपनी आडंबरों की दुकान और धंधा चलाने की बात अब सामने आ रही है उस पर पुलिस प्रशासन ने पूर्व में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी शिकंजा क्यों नहीं कसा गया?कथा—प्रवचन और सत्संगों जैसे धार्मिक आयोजनों को अगर रोका नहीं जा सकता है तो इनके आयोजनों में आने वालों की संख्या पर तो सख्ती से रोक लगाई ही जा सकती है? इस आयोजन में सवा लाख लोगों की भीड़ जुटी तो क्या यह प्रशासन की बड़ी लापरवाही नहीं है? ऐसे ढोंगी और व्यवहाचारी बाबाओ से कैसे बचाया और इन अंध भक्तों की दौड़ को कैसे रोका जाए यह भी एक बड़ा सवाल है। ऐसे तमाम उदाहरण है कि यह बाबा अकूत संपत्ति के स्वामी चंद दिनों में बन जाते हैं और व्यवहाचार का धंधा करने लगते हैं ऐसे बाबाओं पर क्या पुलिस प्रशासन की नजर रखने की जिम्मेदारी नहीं है? पीड़ित अब अपनो के लिए आंसू बहा रहे हैं, प्रशासन जांच में जुटा है और बाबा फरार है।
July 3, 2024देहरादून। एसटीएफ ने तीन करोड 60 लाख रूपये की स्मैक के साथ एक नशा तस्कर को गिरफ्तार किया। एसएसपी एसटीएफ ने पुलिस टीम को 25 हजार रूपये ईनाम की घोषणा की।आज यहां इसकी जानकारी देते हुए एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखण्ड एसटीएफ की एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स द्वारा थाना रायवाला क्षेत्र में स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुए विंडलास रीवर वैली हरिद्वार रोड के पास से एक व्यक्ति गजराज सिंह पुत्र रामस्वरूप सिंह निवासी वार्ड नंबर 11 देवीनगर थाना पोंटा साहिब जनपद सिरमौर हिमाचल प्रदेश को एक किलो 200 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया। गजराज द्वारा पूछताछ पर बताया कि बरामद की गयी स्मैक को वह धामपुर उत्तर प्रदेश से लेकर आया था। आरोपी से पूछताछ में यह भी पता चला कि बरेली का तस्कर धामपुर तक इस माल को पहुंचाता था तथा यहां से पकड़ा गया गजराज इस माल को आगे पोण्टा साहिब और देहरादून में अपने एजेण्टों के माध्यम से विक्रय कराता था। इस पर एसटीएफ द्वारा पूछताछ में अन्य कई ड्रग्स तस्करों के नाम की जानकारी हुई है जिन पर अलग से कार्यवाही की जायेगी। पेशे से पकड़ा गया गजराज पोण्टा साहिब में पेण्ट के बुश बनाने का काम करता है। तस्करी के धन्धे में यह आरोपी विगत 02 सालों से बरेली व धामपुर से स्मैक लाकर पोण्टा साहिब और देहरादून में अपने फिक्स एजेण्टों को सप्लाई कर रहा था। टीम को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ने 25 हजार रूपये नगद ईनाम देने की घोषणा की गयी।
July 3, 2024लखनऊ। हाथरस में घटना स्थल का मुआयना करने के बाद सीएम योगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान सीएम ने कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच होगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में इस पूरे मामले की न्यायिक जांच होगी। वहीं भोले बाबा के खिलाफ एफआईआर के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि शुरुआत में कुछ लोगों पर एफआईआर होती है, इसके बाद इसका दायरा बढ़ता जाता है। ऐसे में सीएम योगी ने साफ कर दिया है कि आने वाले समय में भोले बाबा का नाम एफआईआर में शामिल हो सकता है। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि यह घटना हादसा है या षड़यंत्र हम इसकी जांच करेंगे। इस पूरी घटना के तह तक जाने के लिए हमने कल ही व्यवस्था बचाई थी। लेकिन हमने पहले राहत-बचाव के कार्य को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। इस पूरे हादसे में 121 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई, जो यूपी के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी जुड़े थे। उत्तर प्रदेश में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, मलिकपुर, आगरा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, संभल, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, इन 16 जनपदों के लोग हादसे का शिकार हुए हैं। 121 में से 6 मृतक ऐसे हैं जो अन्य राज्यों से थे, जिसमे ग्वालियर से 1, हरियाणा से 4 और राजस्थान एक हैं। हाथरस के जिला अस्पताल में 31 ऐसे घायल हैं जो हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा के अस्पताल में इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने घटनास्थल का दौरा किया और वहां जाकर उसे देखने का प्रयास किया है। हादसे के कारणों की प्रारंभिक वजहों को देखने के लिए मैं स्वयं गया था। हमारे तीन मंत्री यहां कल से ही कैंप कर रहे हैं। मुख्य सचिव और डीजीपी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पहले से ही यहां कैंप कर रहे हैं। इस पूरी घटना की जिम्मेदारों की जवाबदेही तय करने की कार्रवाई की जा रही है। प्रारंभिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
July 3, 2024नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा को संबोधित किया। उन्होंने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा,’इमरजेंसी की बात पर कहते हैं ये पुरानी बात हो गई। आपके पाप पुराने हो जाते हैं क्या। जयप्रकाश नारायण की तबीयत इतनी खराब हो गई कि वह फिर उठ नहीं पाए। ये बहुत सी पार्टियां जो उनके साथ बैठी हैं, इनकी भी अपनी मजबूरियां होंगी।’पीएम ने आगे कहा,’ये उच्च सदन है। यहां विकास के विजन पर चर्चा स्वाभाविक है। ये कांग्रेस वाले बेशर्मी के साथ भ्रष्टाचारी बचाओ आंदोलन चलाने लगे। पहले हमसे पूछ रहे थे कि कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हो। अब जेल जा रहे हैं तो साथ तस्वीरें दिखा रहे हैं। यहां जांच एजेंसियों पर सवाल उठाए गए हैं। घोटाला करे आप, आप की शिकायत करे कांग्रेस और कार्रवाई हो तो मोदी दोषी। अब ये लोग साथी बन गए हैं।’प्रधानमंत्री ने कहा,’बहुत सी पार्टियां जो इनके साथ बैठी हैं, अल्पसंख्यक हितैषी होने का दावा करती हैं। इमरजेंसी के दौरान तुर्कमान गेट और मुजफ्फरनगर में क्या हुआ था, बोलने की हिम्मत कर पाएंगे क्या। ये लोग कांग्रेस को क्लीन चिट दे रहे हैं। कई पार्टियां जिन्होंने इमरजेंसी के दौरान धीरे-धीरे जमीन बनाई, वो आज कांग्रेस के साथ हैं। ये कांग्रेस परजीवी हैं। देश की जनता ने आज भी इनको स्वीकार नहीं किया है। वे देश की जनता का विश्वास हासिल नहीं कर पाए, जोड़ तोड़ कर बचने का रास्ता खोज रहे हैं। फेक नैरेटिव, फेक वीडियो के जरिए देश को भ्रमित करने की इनकी आदत है।’
July 3, 2024नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से मौत का आंकड़ा 121 पर पहुंच गया है, जबकि 35 लोग घायल हुए हैं. इनमें कुछ की हालत गंभीर है. अब भी 20 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। सत्संग वाले ‘भोले बाबा’ हादसे के बाद से ही फरार हैं। हाथरस हादसे की प्रथम जांच रिपोर्ट से पता चला है कि हाथरस में स्वयंभू बने भोले बाबा का सदमार्ग दर्शन उनके भक्तों के लिए काल बन गया। बाबा के चरणों की मिट्टी की पाने की होड़ उनके भक्तों को मौत के मुंह में ले गई। मिली जानकारी के मुताबिक, इस मिलन समागम के लिए भोले बाबा समिति द्वारा पहले इटावा में प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन इटावा में परमिशन न मिलने के कारण स्थान परिवर्तन करते हुए हाथरस जिले में भोले बाबा का सत्संग रखा गया। यहां पर जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद 2 जुलाई को बाबा का समागम हुआ, जिसमें भगदड़ मच गई, मिलन समागम चीत्कार में बदल गया।प्रशासन द्वारा बनाई जांच समिति की प्रथम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि भोले बाबा के चरणों की रज पाने को लेकर धक्का मुक्की हुई है। बाबा के सेवादारों द्वारा भीड़ के साथ धक्का मुक्की की गई, जिसके चलते भीड़ अनियंत्रित हो गई। सड़कों के डिवाइडर पर पहले से लोग मौजूद थे,जैसे ही बाबा का काफिला गुजरा तो उसकी मिट्टी लेने, चरणों को नमन करने होड़ लग गई। लोग गिर गए, भीड़ उनपर से गुजराती चली गई।
July 3, 2024मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है सरकार : मोदी नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने भाषण में कई महीनों से हिंसा से ग्रस्त मणिपुर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हालात सामान्य बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयायरत है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर के मुद्दे पर लोगों को आग में घी डालने का काम नहीं करना चाहिए। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा को लेकर पहली बार बयान दिया। विपक्ष की ओर से कल लोकसभा में पीएम मोदी के संबोधन के दौरान मणिपुर हिंसा पर बयान देने की मांग को लेकर लगातार हंगामा किया गया। लेकिन राज्यसभा में आज बुधवार को पीएम मोदी ने मणिपुर की स्थिति पर कहा कि मणिपुर में हालात सामान्य बनाने के लिए सरकार प्रयास में जुटी हुई है। पिछले कुछ समय से मणिपुर में हिंसा की घटनाओं में लगातार कमी आ रही हैं।उन्होंने कहा कि मणिपुर में भी सामान्य तरीके से स्कूल और कॉलेज खुल रहे हैं। देश के अन्य राज्यों में जिस तरह से परीक्षाओं का आयोजन कराया गया, वैसे ही यहां पर भी परीक्षाएं हुईं। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार सभी से बातचीत करके शांति बहाली और सौहार्दपूर्ण रास्ता बनाने की कोशिश में लगी हुई है। राज्य के छोटे-छोटे ग्रुपों से बात की जा रही है। मणिपुर में हिंसा भड़काने वालों को तल्ख लहजे में समझाते हुए पीएम मोदी ने कहा, “जो भी तत्व मणिपुर की आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें आगाह करना चाहता हूं कि वे लोग ये हरकतें बंद करें। मेरा मानना है कि एक वक्त वह भी आएगा जब मणिपुर के लोग ही उन्हें रिजेक्ट कर देंगे।” उन्होंने आगे कहा कि जो लोग मणिपुर और उसके इतिहास को जानते हैं, उन्हें मालूम है कि मणिपुर में सामाजिक संघर्ष का एक लंबा इतिहास रहा है। कांग्रेस के लोगों को यह याद रखना होगा कि इन्हीं संघर्ष की वजह से मणिपुर जैसे छोटे राज्य में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। पीएम मोदी ने करीब 30 साल पुरानी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि साल 1993 में भी इसी तरह हिंसा का एक लंबा दौर चला था। जो भी हालात सामान्य करने के मामले में सहयोग देना चाहें, हम सबका साथ लेने के लिए तैयार हैं।