बचाव अभियान में जिस तरह की भी सामग्री और विशेषज्ञता की आवश्यकता होगी उसे सरकार शीघ्र उपलब्ध कराएगी : धामी

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  • मुख्यमंत्री ने टनल में जाकर राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति को जाना


उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सोमवार को उत्तरकाशी के सिलक्यारा के पास सुरंग में हुए भू धसाव की घटना का स्थलीय निरीक्षण पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने स्वयं टनल में जाकर राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति को जाना।
मुख्यमंत्री ने स्थलीय निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों को जल्द सुरक्षित निकालना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव अभियान में जुटे अधिकारियों और विभिन्न एजेंसियों को परस्पर बेहतर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य उच्च दक्षता और पूरी क्षमता के साथ चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि अभियान के लिए बाहर से जिस तरह के संसाधनों व तकनीकी सहायता की आवश्यकता होगी उसे सरकार यथाशीघ्र उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा किसी भी स्तर पर कोई भी आवश्यकता होने पर शीघ्र शासन को सूचित किया जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी संभव विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया की ईश्वर की कृपा और बचाव अभियान में जुटे लोगों के अथक प्रयासों के चलते सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को जल्द सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन के माध्यम से टनल में फँसे श्रमिकों की स्थिति, राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री ने इस दुर्घटना से निपटने हेतु हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही हर स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा केंद्रीय एजेंसियों को भी राहत और बचाव कार्यों में सहयोग करने हेतु निर्देशित किया गया है।
जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, एनएचआईडीसीएल तथा अन्य एजेंसी के अधिकारियोंने राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मलवा हटाने का कार्य निरंतर जारी है, मलवा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। दरकते मलवे को थाने के लिए मशीनों से शार्टक्रीटिंग की जा रही है। टनल में फंसे मजदूरों से पाइप के जरिये संदेशों का आदान प्रदान किया गया है। पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है । इसी पाइपलाइन के जरिए रात में चने के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे श्रमिकों तक भेजे गए हैं।
मुख्यमंत्री के साथ घटना स्थल पर पहुंचे गढ़वाल मंडल के आयुत्त विनय शंकर पांडे ने भी राहत और बचाव कार्यों को लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान विभिन्न विशेषज्ञ एवं रेस्क्यू अभियान में जुटे दस्तों के प्रमुख मौजूद रहे।
यमुनोत्री क्षेत्र के विधायक संजय डोभाल, ब्लॉक प्रमुख डुंडा श्ौलेन्द्र कोहली, भाजपा जिलाध्यक्ष सत्येंद्र राणा और राष्ट्रीय मंत्री स्वराज विद्वान भी इस दौरान साथ रहे।

रेस्क्यू में भूस्खलन बड़ी बाधा

उत्तरकाशी। सिलक्यारा टनल में फंसी जिंदगियों को बचाने के लिए जो राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है उसमें सबसे बड़ी बाधा पहाड़ से लगातार सुरंग में आने वाला मलवा बना हुआ है। रेस्क्यू टीम जितना मलवा निकालकर आगे बढ़ने की कोशिश करती है उससे अधिक मलवा पहाड़ से नीचे आ रहा है। ऐसी स्थिति में सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है। विशेषज्ञों द्वारा अब चौड़े फाइव ड्रिल करके इन मजदूरों तक पहुंचने की योजना पर काम किया जा रहा है लेकिन इन मजदूरों तक कब तक पहुंचा जा सकेगा और उन्हें बाहर निकाला जा सकेगा इसका कोई सही जवाब नहीं मिल पा रहा है। सिर्फ यही कहा जा रहा है की रेस्क्यू कार्य पूरा होने में अभी एक—दो दिन का समय लग सकता है। जो लोग सुरंग में फंसे हैं उनके पास लाइट, पानी व ऑक्सीजन की सुविधा है खाघ सामग्री भी पहुंच गई है यह राहत की बात है लेकिन वह कब तक बाहर आ पाएंगे यह कहा जाना मुश्किल है।

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