July 23, 2024पांच साल तक जारी रहेगी मुफ्त राशन योजना मुद्रा लोन की ऋण सीमा 10 से बढ़ाकर 20 लाख तीन लाख सालाना कमाने तक कोई टैक्स नहीं नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने अपना सातवंा बजट पेश करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि मुझे पांच साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल व अन्य सुविधाओं के लिए 5 योजनाओं की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है जिसमें दो लाख करोड़ रूपये खर्च होगें।मोदी के नेतृत्व वाली 3.0 वाली सरकार का बजट पेश करते हुए उन्होने कहा कि उन्होने अपने इस बजट में युवाओं, किसानों तथा महिलाओं और गरीबों के कल्याण की सोच को ही केन्द्र में रखा है। उन्होने कहा कि इस बजट को बनाते समय नौ बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रीत किया गया है। जिसमें उत्पादकता, रोजगार, सामाजिक न्याय, शहरी विकास, ऊर्जा, सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, नवांचार और सुधार आदि प्रमुख है।उन्होने कहा कि हमने सभी फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है। वही गरीबों के लिए 30 लाख आवास बनाने और 5 साल तक मुफ्त राशन योजना को लागू रखने का फैसला किया है। जिसका देश के 80 करोड़ लोगों को लाभ होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि नौकरियों व कौशल विकास शिक्षा के लिए 1.48 लाख की व्यवस्था की गई है। 5 वर्षों में देश के 500 प्रतिष्ठित उघोगों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएंगे तथा पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को सरकार द्वारा तीन किस्तों में एक माह का वेतन दिया जाएगा जिसकी अधिकतम सीमा 1लाख होगी। उन्होंने कहा कि युवाओं को दिए जाने वाला मुद्रा ऋण भी 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है।उन्होंने नए टैक्स स्लैब के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगर किसी की आय 7 लाख रुपए सालाना से कम होती है तो उसे 3 लाख पर कोई टैक्स नहीं देना होगा तथा उसे 7 लाख आय पर 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा वही 7 लाख से 10 लाख की आय तक 10 प्रतिशत तथा 10 से 12 लाख तक की आय पर 15 प्रतिशत और 12 से 15 लाख तक की आय पर 20 प्रतिशत व 15 लाख से अधिक सालाना आय होने पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा। सीतारमण का कहना है कि पुराने टैक्स स्लैब की तुलना में वेतन भोगियों को इस बदलाव से 17.5 हजार रुपए सालाना का फायदा होगा।
July 23, 2024देहरादून। जमीनी विवाद में दो पक्षों में लाठी डण्डें चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया है। मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।प्राप्त जानकारी के अनुसार आज प्रातः पटेलनगर कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि चन्द्रबनी में दो पक्षों में लाठी डण्डे चल रहे हैं और क्षेत्र में बवाल मचा हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मौके पर पहुंच कुछ लोगों को हिरासत में लिया। इसी दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि दो गम्भीर रूप से घायल हो गये जिनको स्थानीय चिकित्सालय में भर्ती कराया। वहीं लोगों का कहना है कि मृतक वीरबहादुर की मौत हार्ट अटैक से हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि मृतक वीर बहादुर यहां पर अपने परिवार के साथ रहता है। आज प्रातः कुछ बाहरी लोग वहां पर आये और वीरबहादुर के घर के पास जमीन पर कब्जा करने लगे जिसका उसके द्वारा विरोध किया गया तो वह मारपीट पर उतारू हो गये और लाठी डण्डे लेकर वीर बहादुर के घर में घुस गये और परिजनों पर हमला कर घायल कर दिया। देर सांय तक मामले की जांच की जा रही थी।
July 23, 2024नई दिल्ली। मोदी 3.0 के पहले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए हैं। इस बजट में आम से लेकर खास लोगों का भी ध्यान रखा गया है। वहीं सरकार से छूट मिलने का इंतजार करने वाले कुछ लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। वित्त मंत्री ने सोलर पैनल स्कीम के तहत 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट तक की बिजली फ्री देने की घोषणा की है। दरअसल कई लोग घर की छत पर सोलन पैनल लगाते हैं। ऐसे में ग्रीन और क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई घोषणा कर दी है। मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सोलर पैनल स्कीम के अंतर्गत 1 करोड़ घरों को फायदा होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान ऐलान किया कि छत पर सोलर पैनल लगाने वाले घरों को 300 यूनिट तक की बिजली मुफ्त में दी जाएगी। बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना लॉन्च की गई है। इसके अंतर्गत 1 करोड़ लोगों के घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं। इन घरों को हर महीने 300 यूनिट तक की बिजली फ्री में दी जाएगी। जिससे इस योजना को बढ़ावा मिलेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग सोलर पैनल की मदद से बिजली की आपूर्ति करेंगे। बता दें कि फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में ही वित्त मंत्री ने इस स्कीम का ऐलान किया था। सोलर पैनल योजना के तहत सरकार एक करोड़ घरों की छत पर सोलर पैनर लगाएगी। इसमें आने वाले खर्चे पर सरकार 60 फीसदी की सब्सिडी भी देगी। घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने से लोगों की सालाना 18 हजार रुपये तक की बचत होगी। वहीं अब 300 यूनिट बिजली भी फ्री में मिलेगी।
July 23, 2024देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधाा रतूडी ने कहा कि उत्तराखण्ड का अम्ब्रेला ब्राण्ड होने के साथ हाउस ऑफ हिमालयाज स्थानीय महिलाओं की आजीविका का सशक्त माध्यत बनेगा।आज यहां मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने हाउस ऑफ हिमालयाज के तहत स्थानीय उत्पादों की बेहतरीन मार्केटिंग, क्वालिटी व ब्राण्डिंग पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने हाउस ऑफ हिमालयाज को उत्तराखण्ड के अम्ब्रेला ब्राण्ड के रूप में स्थापित करते हुए स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि हाउस ऑफ हिमालयाज के तहत अधिकाधिक महिला स्वयं सहायता समूहों व स्थानीय महिला उघमियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उत्तराखण्ड के सभी उत्पादों को एक ही नाम व ब्राण्ड मिलने से राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर स्थानीय उत्पादों को बेहतर बाजार मिलेगा। सीएस ने निर्देश दिए हैं कि हाउस ऑफ हिमालयाज के माध्यम से राज्य के सभी स्थानीय ब्राण्ड्स की पहुंच बढ़ाने के लिए कार्य किया जाना चाहिए। हाउस ऑफ हिमालयाज को वॉकल फॉर लोकल तथा लोकल फॉर ग्लोबल की थीम के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को व्यापक स्तर तक पहुचाने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज राज्य का अम्ब्रेला ब्राण्ड होने के साथ ही प्रदेशभर की स्थानीय महिलाओं की आजीविका का सशत्तQ माध्यम बनने जा रहा है। उन्होंने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों और उनके उत्पादों को इससे जोड़ने के निर्देश दिए हैं। हाउस ऑफ हिमालयाज के तहत प्रथम चरण में 21 उत्पादों को रखा गया है। भविष्य में अधिकाधिक स्थानीय उत्पादों को इससे जोड़ा जाएगा। इसके उत्पादों की गुणवत्ता की जांच तीन स्तरों पर की जा रही है। सचिवालय में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हाउस ऑफ हिमालयाज की बोर्ड ऑफ गर्वनेस की बैठक में सचिव श्रीमती राधिका झा, अपर सचिव मनुज गोयल सहित सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
July 23, 2024नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट पेश कया। मोदी सरकार के 3.0 कार्यकाल के पहले बजट में महिला, किसान, युवा को केंद्र में रखा गया है। निर्मला सीतारमण सातवीं बार अपना बजट बतौर वित्त मंत्री पेश कर रही है जिसमें उन्होंने कई अहम घोषणाएं की। टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ा दी है। इसे 50 हजार से बढ़ाकर 75000 रुपये सालाना कर दिया है। यह बदलाव न्यू टैक्स रिजीम के तहत किया गया है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान किया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ ही टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। यह बदलाव न्यू टैक्स स्लैब रेट में हुआ है। अब 15 लाख से ज्यादा इनकम होने पर 30 फीसदी का टैक्स लागू होगा।न्यू टैक्स रिजीम के तहत नए टैक्स स्लैब के मुताबिक, अगर किसी की इनकम 7 लाख से ज्यादा होती है तो उसे 3 लाख सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं 3 से 7 लाख सालाना इनकम पर 5 प्रतिशत, 7 से ज्यादा और 10 लाख तक के सालाना इनकम पर 10 प्रतिशत, 10 लाख से ज्यादा और 12 लाख तक की सालाना इनकम पर 15 प्रतिशत, 12 लाख से ज्यादा और 15 लाख तक इनकम पर 20 फीसदी और 12 लाख से ज्यादा सालाना इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स लागू होगा।0-3 लाख पर 0 प्रतिशत टैक्स3-लाख से ज्यादा और 7 लाख पर 5% टैक्स7 लाख से ज्यादा और 10 लाख पर 10% टैक्स10 लाख से ज्यादा और 12 लाख पर 15% टैक्स12 लाख से ज्यादा और 15 लाख पर 20% टैक्स15 लाख से ज्यादा सालाना इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्सनोट- इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार सालाना से बढ़ाकर 75000 रुपये सालाना कर दिया गया है। इसका मतलब है कि 7.75 लाख सालाना इनकम होने पर भी आपको न्यू टैक्स रिजीम के तहत कोई भी टैक्स नहीं देना होगा।
July 23, 2024किसी ने भी इस बात की कल्पना नहीं की होगी कि 18वीं लोकसभा चुनाव के परिणाम अपेक्षित नहीं रहे तो भाजपा नेताओं का संयम इस कदर डांवाडोल हो जाएगा कि वह एक के बाद एक हड़बड़ी में इतनी बड़ी—बड़ी गड़बड़ी करते चले जाएंगे जो भाजपा के हर कदम में मुश्किल है बढ़ाते जाएंगे। सच यह है कि इसकी शुरुआत चुनाव प्रचार के दौरान ही हो गई थी जब भाजपा के नेता चुनावी मुद्दों से भटक कर इधर—उधर के मुद्दों के जरिए जनता का ध्यान भटकाने की कोशिशों में जुटे हुए थे और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा द्वारा यह कहा गया था कि भाजपा को अब संघ के सहयोग की कोई जरूरत नहीं है। चुनावी नतीजों में भाजपा को उत्तर प्रदेश में बड़ी हार मिलने पर जब पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच तकरार शुरू हुई तो भाजपा नेताओं का मानसिक संतुलन और भी डांवाडोल हो गया। योगी को सीएम पद से हटाने की मुहिम के बीच बाबा का वह बुलडोजर भी आ गया जिसने उनकी राजनीति को सबसे ज्यादा चमक प्रदान की थी। अभी उनके द्वारा कावड़ यात्रा मार्गों पर दुकानदारों की पहचान के बोर्ड लगाने का जो फैसला लिया गया जिसे हड़बड़ी में गड़बड़ी वाला फैसला बताया जा रहा था उस पर अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए स्टे से भी यह साफ हो गया है कि यह फैसला हड़बड़ी में गड़बड़ी वाला ही था। इसके बाद केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा संसद के पहले ही सत्र में 50 साल पूर्व लागू की गई इमरजेंसी को लेकर जो प्रस्ताव लाया गया जिसमें 25 जून को लोकतंत्र की हत्या दिवस मनाए जाने की बात कही गई है इससे देश की समस्याओं और विकास से कुछ लेना—देना नहीं है जिसे गड़बड़ इसलिए कहा जा सकता है कि अब देश में एक दिन संविधान का और लोकतंत्र का स्थापना दिवस मनाया करेंगे और एक दिन लोकतंत्र की हत्या का दिवस मनाया करेंगे। बात यहीं समाप्त होने वाली नहीं है सत्ता में बैठे लोग लगातार कुछ ऐसे ही फैसले लेते जा रहे हैं। राज्यसभा में उत्तराखंड के सांसद नरेश बंसल द्वारा संविधान से इंडिया शब्दों को हटाए जाने का प्रस्ताव लाया गया है जिसमें इंडिया शब्द को गुलामी का प्रतीक बताया गया है। सवाल इस बात का है कि देश में इंडिया गठबंधन बनने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इंडिया के वोट मांगते रहे हैं। वह स्वयं प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया तो है ही इसके साथ ही उनके द्वारा खेलो इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे स्लोगन भी स्वयं ही तो गाड़े गए थे। बीते 10 साल में भाजपा के नेताओं को इंडिया शब्द से कभी गुलामी की बू क्यों नहीं आई जो अब वह संविधान में संशोधन कर इंडिया शब्द को हटाने की बात कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान हमने देखा था कि पीएम मोदी इंडिया गठबंधन को कैसे इंडी नाम से संबोधित करते थे। सवाल यह है कि अब इंडिया से भाजपा को इतनी कड़वाहट व नफरत क्यों है? हो सकता है सत्ता में बैठे लोग बहुत जल्द हड़बड़ी में ऐसा कुछ कर डाले क्योंकि राज्यसभा में यह मुद्दा यूं ही नहीं उठाया गया है। कल अचानक सरकार द्वारा संघ पर लगा वह 66 साल पूर्व प्रतिबंध हटा लिया गया है जो सरकारी कर्मचारियों को संघ के कार्यक्रमों में जाने की इजाजत नहीं देता था। दरअसल भाजपा के नेता इस चुनावी परिणाम से इतने असहज दिखाई दे रहे हैं कि वह कब क्या करें उन्हें खुद समझ नहीं आ रहा है। सरकार कब चली जाएगी इसका उन्हें कतई भरोसा नहीं है इसलिए हड़बड़ी में लगातार गड़बड़ियां होती जा रही है। पहले संघ को नाराज किया अब खुश करने की कोशिश हो रही है मगर हड़बड़ी में की जाने वाली इन गड़बड़ियों से हालात सुधरने की बजाय और खराब हो रहे हैं।